भोपाल, अक्टूबर 2014/ मध्यप्रदेश में अधोसंरचना के विकास के लिये निजी-जन भागीदारी (पीपीपी) मोड में किये जा रहे प्रयासों में शहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं को महत्व दिया गया है। कटनी और सागर जिले के नगरीय क्षेत्रों के लिये दो परियोजना पीपीपी मोड में लागू करने के लिये चिन्हांकित की गई हैं। दोनों परियोजना को आने वाले 20 साल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

कटनी जिले में कटनी, सीहोरा, बरही, केमोर और विजयराघवगढ़ के लिये चिन्हित परियोजना में घर-घर से कचरा इक्ट्ठा करने के साथ-साथ उसके परिवहन और सेगरिगेशन का काम किया जायेगा। कचरे का वैज्ञानिक रूप से ट्रीटमेंट कर उसे कटनी में क्षेत्रीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संस्थान की मदद से निपटान किया जायेगा। परियोजना की लागत 35 करोड़ 39 लाख रुपये है। पाँच वर्ष तक ऑपरेशन और मेन्टेनेंस ग्रांट दी जायेगी। पाँच साल बाद इन शहरों के स्थानीय निकाय यूजर चार्ज के जरिये इसका खर्च उठा सकेंगे। परियोजना में 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा और 20 प्रतिशत राशि साफ्ट लोन के रूप में नगरीय निकायों को मध्यप्रदेश नगरीय अधोसंरचना कोष से दी जायेगी।

वर्तमान में इन नगरीय क्षेत्रों की जनसंख्या 3 लाख 21 हजार 981 है और वहाँ 92 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन निकलता है। बीस साल बाद यह जनसंख्या बढ़कर 4 लाख 41 हजार 282 हो जायेगी और वहाँ 125 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन निकलेगा।

सागर के लिये तैयार की गई परियोजना में सागर, बीना, खुरई, गढ़ाकोटा, रहली, देवरी, बंडा, राहतगढ़, शाहगढ़ और शाहपुर शामिल होंगे। परियोजना की कुल लागत 70 करोड़ 54 लाख होगी। वर्तमान में नगरीय क्षेत्र की आबादी 7 लाख 72 हजार 79 है, जो 20 साल बाद बढ़कर 9 लाख 89 हजार 332 हो जायेगी। वर्तमान में यहाँ 185 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन निकलता है जिसकी मात्रा बढ़कर 340 मीट्रिक टन हो जायेगी।

दोनों परियोजना की स्पांसरिंग एजेंसी नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग होगी और इनका क्रियान्वयन उपरोक्त क्षेत्रों की नगरीय निकाय द्वारा किया जायेगा। क्रियान्वयन, डिजाइन, बिल्ड, फायनेंस, ऑपरेट एण्ड ट्रांसफर मोड में किया जायेगा।

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