भोपाल, अगस्त  2014/ प्रदेश के 8 जिले के 14 विकासखण्ड में स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता जागरूकता पर आधारित साँझी सेहत परियोजना प्रारंभ की गई है। पन्ना जिले में यह परियोजना फिलहाल पवई विकासखण्ड के 98 ग्राम में डी.पी.आई.पी. द्वारा संचालित स्व-सहायता समूह के बीच चलाई जायेगी। परियोजना का शुभारंभ डी.पी.आई.पी. राज्य परियोजना समन्वयक एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एल.एम. बेलवाल ने किया। कार्यक्रम में बेंक लिंकेज के माध्यम से 5 करोड़ के ऋण स्व-सहायता समूहों को वितरित किये गये।

पन्ना जिले में डी.पी.आई.पी. स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सराहनीय कार्य किया है। यही कारण है कि स्व-सहायता समूह महिलाओं, सामाजिक मुद्दों, स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, स्वच्छता जैसे विषय पर भी पहल कर रही है। इसलिये जिले में साँझी सेहत परियोजना शुरू की गई, ताकि शिशु और मातृ मृत्यु दर एवं कुपोषण की स्थिति को कम करते हुए उपलब्धि हासिल की जा सके। योजना से मध्यान्ह भोजन योजना को सुदृढ़ बनाने, हर घर में स्वच्छ शौचालय के निर्माण तथा उसके नियमित उपयोग को सुनिश्चित किया जायेगा।

गाँव-गाँव में आयोजित स्वच्छता चौपाल में महिलाएँ स्वयं आगे बढ़कर शौचालयों के निर्माण तथा नियमित उपयोग का संकल्प ले रही हैं। डीपीआईपी स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने मिले-जुले प्रयासों से सामाजिक बदलाव की शुरूआत की है।

एफएचआई नई दिल्ली की प्रतिनिधि सुश्री सुमिता ने बताया कि यह परियोजना सहभागी सीख एवं कार्यवाही पर आधारित है। जहाँ भी इस प्रक्रिया से कार्य किया गया है, वहाँ स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता के क्षेत्र में बदलाव दिखाई दिया है। अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (डीफएआईडी) की राष्ट्रीय प्रतिनिधि सुश्री सुनीता स्वामी ने अपने अनुभव बताये। जिला पंचायत पन्ना की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती भावना बालिम्बे ने डीपीआईपी परियोजना स्टॉफ एवं स्व-सहायता समूह की 500 महिला सदस्य को साँझी सेहत परियोजना के क्रियान्वयन की शपथ दिलवाई।

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