भोपाल, नवम्बर 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य दुग्ध संघ को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संगठन बनाने के हर आवश्यक उपाय किये जाये। साँची दुग्ध उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रीय ब्रांड बनाया जाए। श्री चौहान यहाँ मध्यप्रदेश राज्य डेयरी फेडरेशन की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव अंटोनी डिसा भी मौजूद थे।
श्री चौहान ने कहा कि दुनिया में डेयरी के क्षेत्र में जहाँ भी उत्कृष्ट कार्य हुए हैं उनका अध्ययन किया जाये। आधुनिक वित्तीय-प्रशासनिक प्रबंधन, उत्पादन तकनीक और आक्रामक मार्केटिंग के कार्य किये जाये। श्री चौहान ने निर्देश दिये कि फेडरेशन के संचालन व्यवस्था की भी समीक्षा की जाये। अनावश्यक और अनुत्पादक व्यय में कटौती हो, इस संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाये। साँची उत्पादों की गुणवत्ता उच्च कोटि की हो। बाजार मूल्य प्रतिस्पर्धी हो। पशुपालकों को दुग्ध उत्पाद की उचित कीमत तथा उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर उत्पाद मिले। इसके लिये दुग्ध की खरीदी और बिक्री के मूल्यों का निर्धारण तार्किक हो। दुग्ध संघों की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिये आय-व्यय के कुशल व्यवसायिक प्रबंधन की व्यवस्था हो।
श्री चौहान ने कहा कि गरीब की जिंदगी को बेहतर बनाने का माध्यम दुग्ध संघ है। दुग्ध उत्पादों से होने वाली छोटी-छोटी आय भी गरीब परिवारों के लिये बड़ा आर्थिक संबल है। इसलिये यह आवश्यक है कि दुग्ध संघों की आर्थिक स्थिति अच्छी रहे। उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की उदासीनता स्वीकार नहीं की जायेगी।
बैठक में बताया गया कि साँची ब्रांड की विदेशों में विस्तार की संभावनाओं का परीक्षण करवाया गया है। पूर्वी अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और यू.ए.ई. देशों में उत्पाद के लिये अच्छा बाजार उपलब्ध है। यह भी बताया गया कि दुग्ध संघों द्वारा सितम्बर माह में दुग्ध उत्पादकों को लगभग 561 करोड़ का भुगतान किया गया है। गत वर्ष की तुलना में यह 57 प्रतिशत अधिक है। इस वर्ष अप्रैल से अगस्त की अवधि में गत वर्ष की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक दुग्ध संकलन हुआ है। वर्ष 2013-14 में लक्ष्य 8.1 लाख की तुलना में 8.25 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध का संकलन किया गया। प्रदेश में दुग्ध संकलन को निरंतर बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में औसत 160 लीटर प्रतिदिन प्रति प्राथमिक सहकारी समिति के मान से दुग्ध संकलन हो रहा है। इसे वर्ष 2018-19 में 500 लीटर करने का प्रयास है। प्रदेश में 5 दुग्ध संघ की 6,387 दुग्ध सहकारी समिति के माध्यम से 2.3 लाख सदस्य दुग्ध उत्पादन से जुड़े हैं।