भोपाल, दिसंबर 2012/ मुख्य सचिव आर. परशुराम ने प्रशासन अकादमी में कलेक्टर्स-कमिश्नर्स बैठक में समग्र सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम पर बेहतर अमल की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि यह मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। प्रदेश में जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष की स्थापना के साथ ही राज्य से विकासखण्ड स्तर तक इस कार्यक्रम के संबंध में प्रशिक्षण की शुरूआत हो रही है। इसके बाद 26 दिसम्बर, 2012 से 6 फरवरी 2013 तक सभी शहरी और ग्रामीण अंचल में कार्यक्रम के संबंध में सर्वेक्षण कर डाटा संकलन का कार्य किया जायेगा। मुख्य सचिव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं के सुचारु क्रियान्वयन पर जोर दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि ‘समग्र’ के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के हितग्राहियों की सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा होने लगेगी।

बैठक में अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरुणा शर्मा ने कहा कि मनरेगा के संबंध में बने मार्गदर्शी नियमों के अनुसार योजना के क्रियान्वयन का सीधा उत्तदायित्व जिला कलेक्टरों का है। अतः मनरेगा में मैदानी स्तर पर हो रहे विकास कार्यों का जिला कलेक्टर सतत पर्यवेक्षण करें। उन्होंने वर्ष 2013-14 के लेबर बजट की तैयारियों के लिये बनाये गये समयबद्ध कार्यक्रम की जानकारी दी। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि पंच-परमेश्वर योजना एवं मर्यादा अभियान में ग्रामीण घरों में शौचालयों के निर्माण तथा कपिलधारा योजना में हितग्राहियों के खेतों में कुओं के निर्माण से लेबर बजट के लक्ष्य आसानी से हासिल हो सकते हैं।

श्रीमती शर्मा ने बताया कि मनरेगा में प्रशासनिक व्यय की सीमा 6 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। जिलों में ऐसे सभी अपूर्ण कार्य जिनमें पिछले एक साल में कोई खर्च नहीं दर्शाया गया है, उनकी समीक्षा कर उन्हें पूर्ण करवाया जाना चाहिये। श्रीमती शर्मा ने वित्तीय समावेशन के अन्तर्गत ग्रामीण अंचल में पाँच किलोमीटर के दायरे में बैंकिंग सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 31 दिसम्बर तक अल्ट्रा स्माल बैंकों की स्थापना के लक्ष्य पूरे करने की आवश्यकता भी बताई। उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण अंचल में हुए विकास कार्यों और सामाजिक सुरक्षा योजना में पेंशन पा रहे हितग्राहियों के सर्वेक्षण के लिये राज्य स्तर पर चल रहे सामाजिक अंकेक्षण कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित की जाये। मर्यादा अभियान में इस वित्तीय वर्ष में करीब 12 हजार गाँव को खुले में शौच की बुराई से मुक्त करवाने का लक्ष्य है। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के लक्ष्यों को समयावधि में पूरा करने की जरूरी हिदायतें दीं।

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