भोपाल, नवंबर 2012/ महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय में कुलपति से लेकर गैर शैक्षणिक कर्मचारी तक के लिए संस्कृत भाषा की उपाधि अनिवार्य होगी। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अकादमिक परिधान सफेद धोती, कुर्ता एवं साफा होगा। महिला अभ्यर्थियों के लिए गुलाबी साड़ी के साथ साफे के रंग का अंगवस्त्र निर्धारित किया गया है। संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय की साधारण परिषद की बैठक में वित्त मंत्री श्री राघव जी की उपस्थिति में यह निर्णय लिये गये।

साधारण परिषद में विश्वविद्यालय के अकादमिक स्वरूप को पुनर्निर्धारित किया है। विश्वविद्यालय में वेद एवं व्याकरण, संस्कृत साहित्य एवं दर्शन, विशिष्ट संस्कृत (प्राच्य) ज्योतिष एवं ज्योर्तिविज्ञान एवं शिक्षा शास्त्र के अध्ययन विभाग रहेंगे। विश्वविद्यालय में नये पाठ्यक्रम प्रारंभ करने का भी निर्णय साधारण परिषद ने लिया। तीन वर्षीय बी.ए. (आनर्स) एवं क्लॉसिक्स, दो वर्षीय एम.ए. क्लॉसिक, पाठ्यक्रमों के अलावा एकवर्षीय बी.एङ (शिक्षाशास्त्री) पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जायेंगे।

साधारण परिषद ने ज्योर्तिविज्ञान, पौरोहित्य, वास्तु, प्रायोगिक/व्यवहारिक संस्कृत, योग शास्त्र, शास्त्रीय नृत्य, शास्त्रीय गायन, पारम्परिक चित्रकला एवं संस्कृत रंगकर्म के एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में साधारण परिषद के सदस्य, कुलपति पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, सचिव वित्त एवं उच्च शिक्षा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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