भोपाल, सितम्बर 2014/ राज्य शासन ने स्कूल शिक्षा विभाग में आने वाले शाला भवन एवं संस्थाओं का नामकरण किसी व्यक्ति विशेष के नाम पर किये जाने के संबंध में मार्गदर्शी सिद्धांत तय किये हैं। शासन को शासकीय शालाओं तथा स्कूल शिक्षा संबंधी अन्य भवनों के नाम प्रसिद्ध व्यक्तियों के नाम पर किये जाने के प्रस्ताव समय-समय पर प्राप्त होते हैं। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए शासन ने शाला भवन तथा संस्थाओं का नाम किसी महापुरुष के नाम से करने के लिये सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के अनुरूप कार्यवाही किये जाने के लिये समस्त संभागायुक्त और कलेक्टर से कहा है।
शासन की मंशा है कि किसी भी शाला में पढ़ने वाले विद्यार्थी को उस शाला विशेष का नाम किसी व्यक्ति के नाम पर होने से गौरवान्वित महसूस करना चाहिये। साथ ही उस व्यक्ति विशेष के जीवन-आदर्श से प्रेरणा भी लेनी चाहिये। इस दृष्टि से किसी क्षेत्रीय स्तर के व्यक्ति विशेष के नाम पर शाला भवन का नामकरण किये जाने के लिये मागदर्शी सिद्धांत निर्धारित किये गये हैं।
तय मार्गदर्शी सिद्धांत के अनुसार संबंधित व्यक्ति विशेष द्वारा कला, संस्कृति, साहित्य, शिक्षा, क्रीड़ा, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, साहसिक कार्य, सिविल सेवा आदि के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य किया गया हो। इन क्षेत्रों में व्यक्ति विशेष द्वारा किया गया कार्य मूल्यांकन योग्य होना चाहिये। व्यक्ति विशेष को राष्ट्रीय-स्तर के किसी पुरस्कार से पूर्व में पुरस्कृत किया जा चुका हो, वह राज्य अथवा अन्य राज्य द्वारा स्थापित विभिन्न क्षेत्रीय पुरस्कारों अथवा उक्त वर्णित क्षेत्र के अधीन पुरस्कृत हुआ हो। व्यक्ति विशेष द्वारा खेल के क्षेत्र में राज्य/राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में विजेता श्रेणी जैसी विशिष्ट उपलब्धि हासिल की गई हो। व्यक्ति विशेष स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की श्रेणी में रहा हो।