भोपाल, दिसम्बर 2014/ राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि व्यापम के माध्यम से चयन-सूची जारी होने के दिनांक से अधिकतम 3 माह के भीतर चयनित उम्मीदवारों के नियुक्ति आदेश जारी किये जायें। इस संबंध में राज्य शासन ने सभी विभाग, संभागायुक्त, विभागाध्यक्ष, कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।

निर्देशों में कहा गया है कि किसी भी स्थिति में किसी भी प्रकरण में वैधता अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव मान्य नहीं होगा। यदि ऐसे प्रकरण परिलक्षित होते हैं तो इसके जिम्मेदार सीधे विभाग प्रमुख होंगे। निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिये सभी अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित करने को भी कहा गया है।

राज्य शासन के ध्यान में आया कि व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा की चयन-सूची जारी हो जाने के बाद संबंधित विभाग द्वारा चयनित उम्मीदवार को नियुक्ति-पत्र जारी करने में अत्यधिक विलम्ब किया जाता है। वैधता अवधि समाप्त हो जाने के बाद सामान्य प्रशासन तथा व्यापम को चयन-सूची की वैधता अवधि बढ़ाने के संबंध में लिखा जाता है। इससे न सिर्फ शासकीय कार्य प्रभावित होता है, बल्कि चयनित उम्मीदवार को समय पर नियुक्ति न मिलने के कारण उन्हें अत्यधिक परेशानियों का सामना करने के साथ कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इस प्रकार की कार्यवाही संबंधित विभाग की लापरवाही है। पूर्व में नियुक्ति के पूर्व चरित्र सत्यापन करना आवश्यक था, इसलिये कुछ सीमा तक विलम्ब होना स्वाभाविक था। अब सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2012 में जारी परिपत्र के अनुसार चरित्र सत्यापन की प्रत्याशा में नियुक्ति आदेश जारी करने की व्यवस्था कर दी गई है। इसलिये नियुक्ति आदेश जारी करने में किसी भी प्रकार की देरी नहीं की जाये।

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