भोपाल 18 जून। प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के आवासहीन परिवारों को आवास सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से इंदिरा आवास योजना के समान एक अन्य योजना में शत-प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। पिछले वर्ष इन जाति समूह के 950 परिवारों को आवास उपलब्ध करवाये गये। इस कार्य पर लगभग सवा चार करोड़ की राशि खर्च की गई।
विशेष पिछड़ी जनजाति के आवासहीन परिवारों के लिये एक ही स्थान पर कॉलोनी विकास की योजना भी संचालित की जा रही है। पिछले वर्ष सेटलमेंट योजना के तहत 64 बस्तियों में 16 करोड़ की राशि खर्च कर 1600 परिवारों को आवास उपलब्ध करवाये गये। इस योजना में 25 परिवारों को 25 लाख तक की सहायता प्रदान कर आवास गृह निर्माण, सड़क, नाली, पेयजल, विद्युत, सामुदायिक भवन एवं अन्य बुनियादी सुविधाएँ कॉलोनी के रूप में विकसित की जाती हैं। पूर्व के वर्षों में इन जनजाति वर्गों के निर्मित 2925 आवासों की मरम्मत पर भी 3 करोड़ की राशि व्यय की गई। प्रदेश में 3 विशेष पिछड़ी जनजाति भारिया, बैगा एवं सहरिया निवास करती हैं। इनके विकास के लिये राज्य सरकार द्वारा 11 विशेष पिछड़ी जनजाति विकास अभिकरणों का भी गठन किया गया है। इन अभिकरणों द्वारा 2,314 ग्रामों में साढ़े पाँच लाख की आबादी विशेष पिछड़ी जनजाति चिन्हित की गई हैं। इनके समग्र विकास के लिये राज्य सरकार के आदिम-जाति कल्याण विभाग द्वारा सतत प्रयास किये जा रहे हैं।