रतलाम। बांद्रा टर्मिनस से उदयपुर के बीच शुरू हुई त्रि-साप्ताहिक ट्रेन की वर्किग रतलाम मंडल की झोली में डालकर अधिकारियों ने समस्या सुलझाई, इसके बावजूद वर्किग विवाद के साए में यात्रियों को ट्रेन की सुविधा मिल पाई। आशंका के बावजूदशनिवार को ट्रेन मुंबई से शुरू हुई तब वहां मुंबई स्टॉफ द्वारा वर्किग छिनने की आशंका जताई गई।
रतलाम में भी वर्किग लेने उदयपुर मंडल का स्टॉफ रतलाम पहुंचा। हालांकि ट्रेन के मुंबई से रतलाम व उदयपुर तक के सफर में यात्रियों को कोई असुविधा नहीं झेलनी पड़ी। ट्रेन रतलाम पहुंचने के बाद वर्किग का श्रेय लेने में ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारियों में जरूर गर्माहट रही लेकिन यह जोश नारेबाजी तक ही सीमित रहा। उदयपुर तक वर्किग में कोई परेशानी नहीं रही तो अब वापसी में उदयपुर स्टॉफ द्वारा गड़बड़ी की आशंका यहां का स्टॉफ जता रहा है।
वर्किग लेने उदयपुर स्टॉफ भी आया
बांद्रा-उदयपुर ट्रेन की वर्किग रतलाम मंडल को मिलने की बात सामने आने के बावजूद अजमेर मंडल से उदयपुर का स्टॉफ इस ट्रेन की वर्किग लेने रतलाम पहुंचा। उनका कहना था कि दोनों मंडलों में ट्रेनों के संचालन स्टॉफ बराबर से कर रहा है। इंदौर-उदयपुर में रतलाम मंडल को भी वर्किग मिली है। ऎसे में उन्हें रतलाम से उदयपुर के बीच वर्किग मिलनी चाहिए। इसे देखते हुए वे भी इस ट्रेन की वर्किग लेने यहां आए है। वर्किग मिलती है तो ठीक नहीं तो वे ट्रेन के साथ ऎसे ही चले जाएंगे। हालांकि उन्हें रतलाम से वर्किग नहीं दी गई लेकिन उदयपुर से इस ट्रेन में रतलाम को वर्किग नहीं देने की बात सामने आई है।
यात्री होते रहे परेशान
पिछले दो साल में नई ट्रेन शुरू होने या पुरानी टे्रनों में वर्किग को लेकर रेल मंडलों के रनिंग स्टॉफ के बीच विवाद गहराता आया है। इसमें हाथापाई, कर्मüचारियों को ट्रेन से उतारने, सर्विस बॉक्स नहीं चढ़ने देने तथा ट्रेन रूकवाने जैसे विवाद सामने आए है। ऎसे विवाद से अनभिज्ञ यात्री बेवजह परेशान होते रहे।
अधिकारियों की शह
सूत्रों के मुताबिक ऎसे विवाद में स्टॉफ को रेल अधिकारियों की शह और उनका वरदहस्त मिलता है। यहीं वजह है कि मुख्यालय से आदेश जारी होने के बावजूद विवाद की घटनाएं होती है। रतलाम स्टॉफ ने पिछले मामलों में कोटा, बड़ौदा, उदयपुर तथा मुंबई के स्टॉफ को उनके अधिकारियों से शह तथा उन्हें अपने ही मंडल में सहयोग नहीं मिलने का आरोप लगाया है।
आज से नियमित हुई उदयपुर-बांद्रा
ट्रेन संख्या 22902 उदयपुर-बांद्रा टर्मिनस त्रिसाप्ताहिक सुपर फास्ट एक्सपे्रस 18 मार्च (रविवार) से नियमित रूप से शुरू हुई। यह ट्रेन हर बुधवार, शुक्रवार व रविवार रात 21.35 बजे उदयपुर से चलेगी। 21.40 बजे राणाप्रताप नगर, 22.19 बजे मावली जं., 23.30 बजे चित्तौड़गढ़, 00.30 बजे नीमच, 01.22 बजे मंदसौर, 02.04 बजे जावरा, 02.55 बजे रतलाम, 04.43 बजे दाहोद, 07.30 बजे बड़ोदरा, 08.47 बजे भरूच, 09.55 बजे सूरत तथा 13.26 बजे बोरीवली होते हुए हर गुरूवार, शनिवार, सोमवार दोपहर 14.15 बजे बांद्रा पहुंचेगी। इसी तरह मुंबई से 20 मार्च से हर मंगलवार, गुरूवार एवं शनिवार को रात 23.25 बजे से नियमित रूप से चलेगी।
ये मिलता है वर्किग का लाभ
- अधिक से अधिक वर्किग मिलने पर कर्मचारियों को पदोन्नति के अवसर मिलते हैं।
- वेतन भत्तों के रूप में आर्थिक लाभ मिलता है।
- यात्रियों के प्रकरण बनने से राजस्व मंडल के खाते में आता है। ऎसे में अधिकारी अपने कर्मचारियों का सहयोग करते हैं।
- नियमित वर्किग और पदोन्नति मिलने से निचले पद खाली होते हैं। ऎसे में रिक्त पदों को पूर्ति होने से कैडर में इजाफा होता है।
इन ट्रेनों का वर्किग भी छीना
- 12912-11 बलसाड़-हरिद्वार द्विसाप्ताहिक ट्रेन
- 15667-68 कामाख्या एक्सपे्रस
- 12947-48 अहमदाबाद-आसनसोल एक्सपे्रस
- 12247-48 युवा एक्सपे्रस
इन ट्रेनों में हुआ विवाद
- 12910-09 गरीब रथ ट्रेन वर्किग को लेकर रतलाम व कोटा मंडल के स्टॉफ में विवाद के बाद हाथापाई की नौबत आ गई थी।
- 19801 कोटा-इंदौर इंटरसिटी एक्सपे्रस नई ट्रेन में रतलाम के स्टॉफ को रूठियाई में उतार दिया गया।
- 11702 इंदौर जबलपुर इंटरसिटी ट्रेन को लेकर गुना पहुंचे रतलाम मंडल
- को लौटने में गुना स्टेशन प्रशासन ने वर्किग नहीं दी।
- 2010 मे अहमदाबाद-लखनऊ साप्ताहिक ट्रेन में सवार रतलाम के रनिंग स्टॉफ को कोटा मंडल के रोहलखुर्द स्टेशन पर उतार दिया।
- ट्रेन को 40 मिनट रोकने से यात्री परेशान हुए।