भोपाल, अप्रैल 2015/ राज्य शासन ने विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिये 14 जिले में 20 नये प्री-मेट्रिक छात्रावास निर्माण की स्वीकृति दी है। प्रत्येक छात्रावास 50 सीटर होगा और इनमें कक्षा 6 से 10वीं तक के विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा मिलेगी। एक छात्रावास पर औसतन 90 लाख रुपये की दर से कुल 18 करोड़ की राशि व्यय का अनुमान है। संबंधित कलेक्टर्स को स्थल चयन के लिये कहा गया है।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जनजाति कल्याण मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने बताया है कि स्वीकृत छात्रावासों में 14 बालक और 6 कन्या छात्रावास शामिल हैं। बालक छात्रावास छतरपुर जिले के जैतपुर, टीकमगढ़ के टीकमगढ़ और पलेरा, सीहोर के आष्टा, सलकनपुर, अनूपपुर के राजेन्द्रग्राम, छिन्दवाड़ा के अमरवाड़ा एवं सौंसर, होशंगाबाद के इटारसी, बुरहानपुर के बुरहानपुर, भोपाल के गाँधीनगर, मंदसौर के मेलखेड़ा, खण्डवा के हरसूद और खरगोन जिले के बमनाला में खोले जायेंगे। इसी तरह कन्या छात्रावास का निर्माण छतरपुर जिले के बिजावर, छिन्दवाड़ा के अमरवाड़ा और सौंसर, भोपाल के नेहरू नगर, खण्डवा के पुनासा और उज्जैन जिले में खाचरौद विकासखण्ड के उन्हेल ग्राम में होगा।
मंत्री ने बताया कि विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जनजाति के विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा देने के लिये वर्तमान में 120 विभागीय छात्रावास, आश्रम और सामुदायिक कल्याण केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है, इनमें 5,494 सीट्स स्वीकृत हैं। इनमें बालकों के 46 छात्रावास, 23 आश्रम, 1 बांछड़ा-बेड़िया छात्रावास/आश्रम और 8 सामुदायिक कल्याण केन्द्र शामिल हैं। इसी तरह कन्याओं के 30 छात्रावास, 7 आश्रम और 5 बाछड़ा-बेड़िया छात्रावास/आश्रम शामिल हैं। बालकों के लिये 78 संस्था में स्वीकृत सीट संख्या 3,645 है। बालिकाओं के लिये 42 संस्था में स्वीकृत सीट संख्या 1,849 है।