भोपाल, नवंबर 2012/ शहरों को मलिन बस्ती मुक्त बनाने भारत सरकार की राजीव आवास योजना काफी महत्वपूर्ण है। इस योजना की सफलता के लिए अधिकारियों एवं जन-प्रतिनिधियों में विजन के साथ-साथ दृढ़ इच्छा-शक्ति आवश्यक है। इसके लिए फील्ड में जाकर कार्य करने की जरूरत भी है। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री बाबूलाल गौर ने यह बात यहाँ राजीव आवास योजना की एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला में कही। कार्यशाला में महापौर सतना पुष्कर सिंह तोमर, रीवा शिवेन्द्र सिंह एवं देवास सुश्री रेखा वर्मा के अलावा विभागीय अधिकारी एवं विशेषज्ञ उपस्थित थे।
श्री गौर ने कहा कि योजना के प्रथम चरण में पहले प्रदेश के 6 तथा बाद में दस शहर सम्मिलित कर कुल 16 शहर शामिल किए गए हैं। इसमें प्रदेश के सभी 14 नगर पालिक निगम- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, बुरहानपुर, देवास, खण्डवा, रतलाम, रीवा, सतना, सिंगरौली एवं कटनी के साथ ही दो नगर पालिका छिन्दवाड़ा एवं नीमच को शामिल किया गया है। पहले चयनित 6 नगर- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर एवं जबलपुर में राजीव आवास योजना के अंतर्गत 1,761 गंदी बस्ती में 13 हजार 750 करोड़ के व्यय से आवास एवं अधोसंरचना मुहैया करवाने का लक्ष्य है। इससे लगभग 20 लाख नागरिक लाभान्वित होंगे। मंत्री श्री गौर ने कहा जिन नगरों की योजना भारत सरकार ने मंजूर कर दी है, वहाँ बिना देरी किए कार्य प्रारंभ किए जायें। उन्होंने कहा कि योजना का क्रियान्वयन लोगों को समझाइश देकर किया जाए। कार्य प्रारंभ करने से पहले संबंधित बस्तयों में वीडियोग्राफी अवश्य करवायी जाए।
प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास एस.पी.एस. परिहार ने बताया कि मध्यप्रदेश के शहरों में करीब 38 लाख परिवार निवास करते हैं। इनमें तेरह लाख परिवार गरीबी रेखा के नीचे की सूची में हैं। इन बी.पी.एल. परिवारों में से 80 प्रतिशत परिवारों को साफ-सुथरे आवास की जरूरत है। राजीव आवास योजना में मलिन बस्तियों में निवास करने वाले लोगों को आवास बनाने 70 प्रतिशत की अनुदान सहायता केन्द्र एवं राज्य सरकार प्रदान करेगी। उन्होंने इस योजना के सही प्राक्कलन तैयार करने, हितग्राहियों से परामर्श कर योजना बनाने और योजना में निर्मित आवासों के संधारण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
प्रारंभ में कार्यशाला में उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास संजय शुक्ला ने बताया कि योजना में भारत सरकार द्वारा अब तक इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर एवं सागर शहर की योजना स्वीकृत की जा चुकी हैं। भोपाल एवं उज्जैन शहर की डीपीआर मंजूरी के लिए भेज दी गयी है। प्रदेश के नए सम्मिलित दस शहर की डीपीआर बनाने की प्रक्रिया जारी है। योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य-स्तरीय कार्य दल का गठन कर दिया गया है। इसके लिए अन्य आवश्यक प्रावधान किए जा रहे हैं।