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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों का हित उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि विकास कार्य भले रुक
जाये पर किसानों को राहत देने में धन की कमी नहीं आने दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने यह बात आज ग्वालियर जिले के ग्राम राई में
बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि से प्रभावित किसानों से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने आपदा की इस घड़ी में किसानों को ढाँढस भी बँधाया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रभावित किसानों से किसानों के खेत पर जाकर चर्चा की और उनकी दिक्कतों को सुना।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिन किसानों की शत-प्रतिशत फसल नष्ट हुई है, उन्हें अगली फसल आने तक एक रूपये किलो की दर
पर गेहूँ, चावल और नमक दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि ओला प्रभावित क्षेत्र में कृषि ऋण का ब्याज राज्य सरकार चुकायेगी। इन
किसानों के कृषि ऋण और बिजली बिल की वसूली भी स्थगित कर दी गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित
किसानों को अगली फसल के लिये जीरो प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण उपलब्ध करवायेगी। किसानों को कृषि ऋण की केवल 90 प्रतिशत
अदायगी करनी होगी। शेष 10 प्रतिशत राशि राज्य सरकार अपनी ओर से भरेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेमौसम और ओला वृष्टि से प्रभावित फसलों के सर्वे का काम पूरी पारदर्शिता से होगा। सर्वे राजस्व, कृषि और
पंचायत विभाग का अमला संयुक्त रूप से करेगा। उन्होंने अमले को हिदायत भी दी कि सर्वे में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा
कि सर्वे की सूची ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर लगाई जायेगी। किसी किसान को कोई शिकायत होगी तो संबंधित किसान का सर्वे
दोबारा करवाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आर.बी.सी. प्रावधान के तहत किसान को 15 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब
से राहत दी जायेगी। प्रभावित किसान को फसल बीमा योजना का फायदा भी दिलाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ऐसे किसान, जिनकी सोयाबीन की फसल बर्बाद हुई थी, को राज्य सरकार ने अपने खजाने से 4,800
करोड़ की राशि राहत के रूप में बाँटी थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रभावित किसान की बेटियों की शादी मुख्यमंत्री कन्यादान
योजना में करवायी जायेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस योजना का फायदा उन सभी किसानों को भी मिलेगा जो इस योजना के दायरे में
न भी आते हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुरार तहसील के पारसेन, जघारा और महेश्वरा तालाब की मरम्मत करवायी जायेगी। तालाबों के
मरम्मत कार्य में जरूरतमंदो को रोजगार दिया जायेगा।

बताया गया कि प्रारंभिक आकलन में 7 मार्च को बेमौसम बारिश और ओला वृष्टि से जिले के 87 गाँव के 7,357 किसान की 6,754
हेक्टेयर रकबे की फसलों को नुकसान पहुँचा है। शुरूआती सर्वेक्षण के मुताबिक 35 गाँव की फसलों में 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान
सामने आया है। इसी तरह 13 गाँव में 25 से 50 प्रतिशत और 39 गाँव में 25 प्रतिशत से कम का नुकसान होने का अनुमान है।

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