भोपाल, अगस्त 2015/ मध्यप्रदेश में इस साल विंध्या वेली प्रोजेक्ट के उत्पादों की बिक्री का लक्ष्य 2 करोड़ 54 लाख से बढ़ाकर 51 करोड़ निर्धारित किया गया है। प्रदेश में अभी विंध्या वेली के 51 उत्पादन केन्द्र हैं, जिन्हें बढ़ाकर 99 किया जायेगा। प्रोजेक्ट से ग्रामीण क्षेत्र में लगातार रोजगार के अवसर मुहैया करवाकर आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में ठोस पहल की जा रही है।

प्रोजेक्ट में अभी 828 स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं। इन्हें इस वर्ष बढ़ाकर 928 तथा अगले वर्ष 978 किया जायेगा। विंध्या वेली से लाभार्थियों की संख्या 4000 को भी बढ़ाकर 5000 किया जायेगा। उत्पादों की संख्या अभी 36 है, जिन्हें 45 किया जायेगा। अगले वित्तीय वर्ष इन्हें 51 किया जायेगा। उत्पादों की श्रंखला में च्यवनप्राश, आँवला मुरब्बा, तुलसी सिरप, टमाटर, मिर्च एवं फलों के विभिन्न उत्पाद की भी लांचिग की जा रही है।

प्रमुख सचिव उद्यानिकी प्रवीर कृष्ण के अनुसार उत्पादन वृद्धि के साथ ही विंध्या वेली की मार्केटिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें रिटेल शॉप की श्रंखला के अलावा ऑनलाइन शॉपिंग से जोड़ने का लक्ष्य है। इसके लिये होल-सेलर और रिटेलर की संख्या में भी वृद्धि की जायेगी। विंध्या वेली ब्राण्ड को विकसित कर ग्रामीण क्षेत्र के उत्पादकों को बाजार उपलब्ध करवाकर उन्हें वाजिब मूल्य दिलवाया जाना है। इससे उन्हें निरंतर रोजगार भी उपलब्ध होगा। योजना में ग्रामीण उत्पादों का मूल्य संवर्धन, कौशल उन्नयन, गुणवत्ता नियंत्रण, आकर्षक पेकेजिंग और मानकीकरण की सुविधा मुहैया करवायी जा रही है।

पर्यटन विकास निगम भी विंध्या वेली के पीने के पानी तथा अन्य मसालों का उपयोग कर रहा है। मुख्यमंत्री ने भी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में विंध्या वेली के पीने के पानी तथा अन्य उत्पाद का उपयोग करने के निर्देश दिये हैं।

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