भोपाल, दिसंबर 2012/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वन उत्पाद समर्थन मूल्य पर खरीदे जाएँगे। वे उज्जैन में जन-जातीय समागम के समापन समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि वनवासी समाज के हितों की रक्षा के लिए सभी तन-मन-धन से काम करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वनवासी भारतीय संस्कृति के रक्षक हैं। राज्य सरकार ने वनवासियों को लगभग पौने दो लाख वन अधिकार पट्टे वितरित किये हैं। यह कार्य निरंतर जारी है। वनवासियों से बिना आवेदन के कोई भी व्यक्ति उनका का धर्मान्तरण करेगा, तो उसके विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कर उसे जेल भेजा जाएगा। बिना लायसेंस कोई भी साहूकार ब्याज का धंधा नहीं करेगा। वनवासियों के बच्चे उच्च शिक्षा के लिये विदेश जाना चाहेंगे तो उन्हें शासन से भरपूर मदद की जाएगी। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम का जो बीज 1952 में श्री बाला साहब देशपाण्डे ने छत्तीसगढ़ के जशपुर नगर से बोया था, वह आज विशाल वटवृक्ष हो गया है। वनवासियों ने हमेशा देश के हितों के लिये काम किया है। मध्य प्रदेश में टंट्या भील जैसी अनेक विभूतियाँ हुई हैं, जिन्होंने प्रदेश व देश के हितों के लिये काम किया है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहनराव भागवत ने कहा कि वनवासियों के हितों की रक्षा करने का सब एकजुट होकर काम करें। वनवासियों के हित के लिये सतत् काम करने की आदत डाली जाये। उन्होंने अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि सब मिलकर वनवासियों के सर्वांगीण विकास के लिये काम करें। आज जो विकास हो रहा है वह स्वार्थ एवं अहंकार का विकास है। आज जो विचार-धन अभी तक सुरक्षित है वह वनवासी भाईयों के पास है। वनवासियों के सशक्त बनाना ही हमारा ध्येय होना चाहिये। आदिवासियों की की उपेक्षा न करें, हमें उनको हरदम साथ लेकर चलकर स्वाभाविक रूप से करना चाहिए।

समन्वय सेवा केन्द्र जबलपुर के महामण्डलेश्वर स्वामी श्री अखिलेश्वरानन्द गिरी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम विषम परिस्थितियों में वनवासियों में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वालम्बन का जागरण कर राष्ट्रीय एकात्म भाव को सुदृढ़ करने का कार्य कर रहा है।

कार्यक्रम में ‘अरण्यांजलि’ तथा ‘जनजाति समाज एवं जनसंचार माध्यम प्रतिमा एवं वास्तविकता’ पुस्तकों का विमोचन किया गया।

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