भोपाल, नवंबर 2012/ आदिम-जाति कल्याण राज्य मंत्री हरिशंकर खटीक ने कहा है कि प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वन भूमि के सामुदायिक दावों में निपटारे में तेजी लाये जाने की जरूरत है। प्रदेश में अब तक वन भूमि के 9 हजार 300 सामुदायिक दावों का निपटारा किया गया है। श्री खटीक भोपाल में वन अधिकार अधिनियम पर केन्द्रित दो दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में मध्यप्रदेश सहित बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं उत्तरप्रदेश के राजस्व, वन एवं आदिम-जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।
श्री खटीक ने कहा कि मध्यप्रदेश में वन अधिकार अधिनियम में व्यक्तिगत दावों के निराकरण का अच्छा कार्य हुआ है। प्रदेश में 1.75 लाख वनवासियों को वन भूमि के हक प्रमाण-पत्र वितरित किए जा चुके हैं। राज्य सरकार ने वनवासियों की बेहतरी के लिए सरकारी योजना का लाभ दिया है। वनवासियों के खेतों में कुएँ एवं सिंचाई पम्प लगवाये गए हैं। खेती-किसानी में मदद के लिए वनवासियों को क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं। श्री खटीक ने सिविल सोसायटी के सदस्यों से वन अधिकार अधिनियम में शेष रहे काम में सहयोग देने का आग्रह किया करते हुए उम्मीद जाहिर की कि मध्यप्रदेश अधिनियम के अंतर्गत पूरा काम करने वाला देश का पहला राज्य होगा।
जनजातीय मंत्रालय दिल्ली के संचालक असित गोपाल ने बताया कि भारत सरकार वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के काम को जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है। कई राज्यों में इसमें और काम किया जाना बाकी है। राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे अधिनियम में दावे लेने का कार्य ग्राम सभा में ही करें और यदि उन्हें निरस्त किया जाता है तो उसे पुनः ग्राम सभा भेंजे। जनजातीय मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती साधना राउत ने बताया कि नई दिल्ली में दिसम्बर के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय कार्यशाला होगी। जिसमें राज्य सरकारों को अधिनियम के तैयार किए गए एक्शन प्लान को प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने मध्यप्रदेश में अधिनियम के बेहतर क्रियान्वयन की प्रशंसा भी की। जनजातीय मंत्रालय के सलाहकार डॉ. एन.सी. सक्सेना ने बताया कि वनवासियों की माली हालत सुधारने के लिए लघु वनोपज का समर्थन मूल्य तय किए जाने की आवश्यकता है। राज्य सरकारों को इस दिशा में आगे आना होगा। उन्होंने पिछले दो वर्ष में अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए बनाये गए नये नियमों की जानकारी दी।
आयुक्त आदिवासी विकास आशीष उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश में वनों की 5 किलोमीटर की परिधि में वन भूमि के दावों के निपटारे के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। कार्यशाला को सिविल सोसायटी के सदस्य शंकर गोपाल कृष्णन ने भी संबोधित किया।