भोपाल, 26 जुलाईः वक्फ सम्पत्तियों के मामले में मध्यप्रदेश देश में अव्वल होता नजर आ रहा है। वक्फ सम्पत्तियों को लेकर प्रदेश में किये गये कार्यों को केन्द्र सरकार से भी समय-समय पर सराहना मिली है। मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड की पन्द्रह हजार सम्पत्तियों को कम्प्यूटराइज्ड करने वाला पहला राज्य बन चुका है। इसी तरह मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य है, जहाँ वक्फ बोर्ड को संचालन के लिये सरकार 80 लाख रुपये का हर साल अनुदान देती है।
मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड में मस्जिद, कब्रस्तान, दरगाह आदि के रूप में कुल 14 हजार 702 वक्फ जायजाद हैं। इन जायजादों का मूल्य लगभग 52 हजार करोड़ रुपये हैं। वक्फ सम्पत्तियों के अभिलेखों को सुरक्षित रखने, एकजाई करने और कार्यालयीन गतिविधियों को सम्पूर्ण वक्फों से जोड़ने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की गई हैं। वक्फ बोर्ड द्वारा समस्त 14 हजार 702 सम्पत्तियों का प्री-डिजिटाईजेशन एवं डिजिटाईजेशन का कार्य पूरा कर लिया गया है। राज्य की सभी वक्फ सम्पत्तियों के रिकार्ड का पंजीयन भी पूर्ण हो चुका है।
पिछले साल नई दिल्ली में विभागीय प्रमुख सचिवों और वक्फ बोर्ड अध्यक्षों की समीक्षा बैठक में मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के कम्प्यूटराईजेशन कार्य की सराहना की गई। नई दिल्ली के एनआईसी – पीएमयू (वक्फ) द्वारा अपनी स्टेटस रिपोर्ट में भी मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के रिकार्ड डिजिटाईजेशन को देश में सबसे अव्वल बताया गया। मध्यप्रदेश की उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार ने भी अन्य राज्यों को उसका अनुसरण करने का कहा है।
राज्य सरकार के प्रयासों से वक्फ बोर्ड की आय में भी निरंतर वृद्धि हो रही है। गत वर्ष 2011-12 में वक्फ संपत्तियों से 11 करोड़ रुपये की आय हुई। इसी तरह 14 हजार 702 वक्फ संपत्तियों में से 7,702 वक्फ संपत्तियों की व्यवस्था के लिए प्रबंध समितियाँ भी गठित की जा चुकी हैं। वक्फ संपत्तियों को अतिक्रमण से मुक्त करवाने के लिए भी तेजी से कार्रवाई की गई है। अतिक्रमण के संबंध में दर्ज किये गये 3,014 प्रकरण में से एक हजार से अधिक में सुनवाई के बाद 306 प्रकरण में कार्यवाही के लिए संबंधित जिला प्रशासन को निर्देश दिये गये।