– शिवराज सिंह चौहान

भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन और आधुनिक भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल को साढ़े 7 करोड़ मध्यप्रदेशवासियों की ओर से शत शत नमन।

सरदार पटेल देश के स्वतंत्रता संग्राम और आजादी के बाद देश के नव-निर्माण में ऐतिहासिक भूमिका निभाने वाले महापुरुषों में शामिल हैं। सरदार पटेल जैसे महान देशभक्तों और कर्मयोगियों के यश का तेज सदा सूर्य की तरह दमकता रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने की जो सराहनीय पहल की है उससे नई पीढ़ी को सरदार पटेल के व्यक्तित्व और कृतित्व को जानने-समझने का अवसर मिला है। प्रधानमंत्रीजी की पहल पर सरदार पटेल की विश्व की सबसे बड़ी लौह प्रतिमा स्टेच्‍यू ऑफ यूनिटी स्थापित करने का निर्णय भी सर्वथा प्रशंसनीय है।

देश की आजादी के बाद भारत को एक करने का चुनौतीपूर्ण काम उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में सरदार पटेल ने किया। देश की 550 से अधिक रियासतों के एकीकरण का जो आसाधारण काम उन्‍होंने कर दिखाया वह उनके ही बूते की बात थी। त्रावनकोर तथा हैदराबाद रियासतों की बगावत और भोपाल तथा जूनागढ़ के भारत में विलय के विरोध को उन्होंने अद्भुत कुशलता और साहस के साथ खत्म किया। उनके सशक्त व्यक्तित्व और अडिग निर्णयों के कारण विरोधियों को अपनी रियासतों को भारतीय संघ में विलीन करना पड़ा। मेरा मानना है कि सन् 1947 में अगर सरदार पटेल भारत के उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री नहीं होते, तो भारत का इतिहास सर्वथा अलग होता।

स्वतंत्र भारत के एकीकरण के कार्य में उन्होंने जिस दबंगता और सूझबूझ का परिचय दिया उसके कारण उन्हें भारत का बिस्मार्क भी कहा जाता है। सरदार पटेल की आसाधारण नेतृत्व क्षमता के कारण ही महात्मा गाँधी ने उन्हें ‘सरदार’ की पदवी दी थी। उन्हें भारत का लौह पुरुष, महात्मा गाँधी का योद्धा और बारडोली का लेनिन भी कहा जाता था।

बचपन से ही क्रांतिकारी स्वभाव और कुशाग्र बुद्धि के धनी सरदार पटेल के जीवन पर गाँधीजी का गहरा प्रभाव था। इससे ही उन्हें भारत की सेवा को जीवन का लक्ष्य बनाने की प्ररेणा मिली। गुजरात का किसान आन्दोलन उनके कुशल नेतृत्व के चलते ही सफल हुआ। इसी आन्दोलन से सरदार पटेल की संगठन क्षमता से देश का परिचय हुआ। भारत को एकीकृत करने तथा उसके नवनिर्माण में सरदार पटेल की भूमिका को देश सदा विनम्र भाव से याद करता रहेगा। आने वाली पीढ़ियों को सरदार पटेल के योगदान तथा व्यक्तित्व से परिचित करवाने के लिये हरसंभव प्रयास किए जाने चाहिए।

(लेखक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री है)

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