भोपाल, जुलाई 2012। लोक निर्माण मंत्री नागेन्द्र सिंह ने कहा है कि विभाग ने निर्माण कार्यों की पारदर्शिता के लिये कई महत्वपूर्ण निर्णय लेकर नई तकनीकों का सहारा लिया है। किसी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत होने पर जन-प्रतिनिधि तत्काल अवगत करायें, जिससे विभाग उसको दूर कर सके। श्री सिंह की अध्यक्षता में विधानसभा के समिति कक्ष में विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में विधायक सर्वश्री ध्रुवनारायण सिंह, रमेश प्रसाद खटीक, केदारनाथ शुक्ला सहित प्रमुख सचिव के.के. सिंह, प्रमुख अभियंता अखिलेश अग्रवाल एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।

श्री नागेन्द्र सिंह ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण कार्य सबसे बड़ी चुनौती है। श्री सिंह ने निर्देश दिये कि समय रहते लापरवाह ठेकेदारों के विरुद्ध कार्यवाही की जाये। राष्ट्रीय राजमार्ग पर राज्य के फण्ड से कार्य करना शुरू कर दिया गया है, इसमें प्रगति भी हुई है। इसी प्रकार वर्ष 2013 तक राज्य राजमार्ग भी अच्छी स्थिति में आ जायेंगे। एमडीआर प्रोजेक्ट में 4500 किलोमीटर सड़क पर गत छह माह में काम किया गया है। शहरी क्षेत्र की सड़क का कार्य पी.डब्ल्यू.डी., नगर निगम/पालिका और सी.पी.ए. जैसी अलग-अलग एजेंसी के पास है। प्रयास है कि नीति निर्धारण कर एक ही एजेंसी इस कार्य को करे। इसी प्रकार नीति निर्धारण कर एमडीआर प्रोजेक्ट में जो सड़क के टुकड़े बच गये हैं, उसे भी पूर्णता देने के प्रयास किये जायें।

श्री नागेन्द्र सिंह ने बताया कि विभागीय मद से तीन सर्किट-हाउस और 11 रेस्ट-हाउस का निर्माण करवाया गया है। ग्रामीण मार्ग पर 974 काम चल रहे हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में दुगना है। कुल 256 वृहद पुल भी बनाये जा रहे हैं। पीआईयू में भी 2000 करोड़ के भवन निर्माण कार्य किये जा रहे हैं। डे-टू-डे मॉनीटरिंग करने के लिये भी यूनिट बनाई गई है। अगले दो वर्ष में 8000 संधारण कार्यों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी तरह ठेकेदारों का कॉमन रजिस्ट्रेशन, डब्ल्यू.एम.एम.एस., ई-टेण्डरिंग, ई-मेजरमेंट, ई-पेमेंट, ह्यूमन डेव्हलपमेंट सॉफ्टवेयर की प्रक्रिया अपनाई गई है।

श्री सिंह ने विभागीय प्रगति से समिति के सदस्यों को समय-समय पर अवगत करवाने को कहा। समिति सदस्यों ने विभागीय गतिविधियों की सराहना की और अपनी-अपनी अनुशंसाएँ भी रखीं।

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