भोपाल, जून 2015/ लाड़ली लक्ष्मी योजना के नये स्वरूप के साथ 20 लाख बालिका को प्रमाण-पत्र वितरित करने का कार्य शुरू हो गया है। योजना में 18 हजार से अधिक प्रमाण-पत्र दिये जा चुके हैं।
योजना के नये स्वरूप से अवगत करवाने के लिये पूरे प्रदेश में मैदानी अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। इस संबंध में समय-समय पर कार्यशाला कर प्रमाण-पत्र बनाने और उसके वितरण की प्रक्रिया बतायी गई है। नई प्रक्रिया के साथ मई माह से प्रमाण-पत्रों का वितरण किया जा रहा है। जून अंत तक 2 लाख 75 हजार प्रमाण-पत्र वितरण का लक्ष्य रखा गया है। यह प्रमाण-पत्र सभी शासकीय कार्यक्रम में वितरित किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह भी अपने प्रदेश दौरे में होने वाले कार्यक्रम में प्रमाण-पत्र वितरित करते हैं।
उल्लेखनीय है कि लाड़ली लक्ष्मी के नये स्वरूप को प्रदेश मंत्री-मंडल ने मंजूरी देते हुए इसे सूचना प्रौद्योगिकी से जोड़ा है। ई-लाड़ली लक्ष्मी के जरिये अब योजना के लिये आवेदन देने की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है। आवेदक को आवश्यक दस्तावेज के साथ सीधे या आँगनवाड़ी कार्यकर्ता के परियोजना कार्यालय, लोक सेवा केन्द्र या किसी भी इन्टरनेट कैफे में रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकेगा। प्रकरण स्वीकृत होने के बाद हितग्राही को एक लाख 18 हजार का प्रमाण-पत्र दिया जायेगा। कक्षा छठवीं में प्रवेश के समय लाड़ली को 2000, कक्षा 9वीं में 4000 तथा कक्षा 11वीं और 12वीं में प्रवेश पर 6000 रुपये ई-पेमेंट के माध्यम से राशि दी जायेगी। एक लाख की राशि बालिका को 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर दी जायेगी। राज्य शासन के लोक लेखा से एक निधि के रूप में यह राशि जमा होगी, जिससे हितग्राहियों को अंतरिम परिपक्वता राशि प्रदाय की जायेगी।
योजना के संचालन के लिये अलग से अमला दिया गया है। अमले में एक लेखाधिकारी और डाटा एन्ट्री ऑपरेटर मुख्यालय पर और विकासखण्ड स्तर पर डाटा एन्ट्री ऑपरेटर की नियुक्ति आउटसोर्सिंग के जरिये होगी। योजना के ऑनलाइन होने से अब विकासखण्ड से लेकर मुख्यालय तक की प्रक्रिया आसान हो गई है। इस तकनीक के उपयोग पर विभाग को राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया है।