भोपाल, मई 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में सूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिये मध्यप्रदेश निवेश प्रोत्साहन योजना लागू की जायेगी। सूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्योगों इकाइयों को 5000 वर्ग फिट तक के प्लाटों की मध्यप्रदेश भूमि प्रबंधन नियमों के तहत निर्धारित दरों में 90 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मुख्यमंत्री निवास पर युवा उद्यमी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया तथा स्नेपडील के सी.ई.ओ. श्री कुणाल बहल विशेष रूप से उपस्थित थे। सम्मेलन में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत अपना उद्योग स्थापित करने वाले करीब एक हजार युवा उद्यमी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में लघु और कुटीर उद्योगों का जाल बिछाकर एक नया मध्यप्रदेश बनायेंगें। प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों को क्लस्टर के रूप में विकसित करने के लिये 10 करोड़ रुपये की लागत से 15 औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जा रहे हैं। प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में 20 प्रतिशत भूमि सूक्ष्म एवं लघु के लिये आरक्षित की गयी है। इनके लिये 15 प्रतिशत पूँजी अनुदान तथा 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाता है। साथ ही बिजली कनेक्शन रियायती दरों पर उपलब्ध कराया जाता है। लघु उद्यमियों द्वारा स्टार्ट अप कंपनियाँ प्रारंभ करने के लिये सौ करोड़ रुपये का वेंचर केपीटल फंड स्थापित किया गया है। इन उद्यमियों के लिये पंजीयन प्रक्रिया सरल कर ऑनलाइन की गई है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिये कृषि के साथ उद्योगों के विस्तार पर ध्यान देना होगा। प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा बड़े उद्योगों के पूँजी निवेश के साथ लघु युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। हम प्रदेश के युवाओं में उद्यमिता का गुण पैदा कर रहे हैं। इसके लिये मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना बनाई गई है जिसमें युवाओं को उद्योग लगाने के लिए एक करोड़ रूपये तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। इस वर्ष प्रदेश में ऐसे एक हजार युवा उद्यमी तैयार किए हैं। युवा उद्यमियों के सहयोग से प्रदेश में औद्योगिक क्रांति की जाएगी। उन्होंने युवा उद्यमियों से कहा कि व्यक्ति तय कर ले तो कुछ भी असंभव नहीं है। सफलता की कुँजी विनम्रता और धैर्य रखना है। किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानना और लगातार परिश्रम करना सफलता का मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र की नई तकनीक को लगातार सीखते रहें। इस सफलता को पड़ाव माने मंजिल नहीं। कोई भी समस्या हो तो वे (मुख्यमंत्री) हर सोमवार को उद्यमियों से मिलते हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्रीमती सिंधिया ने कहा कि युवा स्वावलंबी बने और दूसरे युवाओं को प्रोत्साहित करें। कौशल विकास में राज्य सरकार उनकी हरसंभव मदद करेगी। उन्होंने कुछ युवा उद्यमियों के उदाहरण देकर बताया कि युवा चाहें तो उद्यमी बनकर दूसरों को रोजगार दे सकते हैं।
स्नेपडील के सी.ई.ओ. श्री बहल ने युवा उद्यमियों से कहा कि मध्यप्रदेश ने युवा उद्यमी योजना के माध्यम से उन्हें एक अवसर दिया है। देश के बहुत कम राज्यों में ऐसी योजना होगी, इसका लाभ जरूर लें। उन्होंने स्नेपडील कंपनी के विकास की कहानी बताते हुए कहा कि लगातार पाँच बार असफल होने के बाद छठे बिजनेस मॉडल में वे सफल हुए। उन्होंने युवाओं से कहा कि अपने अंदर से कुछ करने की आवाज सुनें तो जरूर करें। इसके माध्यम से वे समाज में अपना प्रभाव छोड़ेंगे। हमेशा याद रखें आज का दिन कल से बेहतर हो तो प्रगति होती है। सफलता के लिये लगातार कड़ी मेहनत के अलावा और कोई उपाय नहीं है। हमेशा बड़ा सोचें और कभी हार नहीं मानें। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के युवा उद्यमियों के उत्पादों को वे ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध करवायेंगे।
वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान ने योजना की एक वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी दी। कार्यक्रम में युवा उद्यमी श्री अनिल दांगी, श्रीमती मीनाक्षी द्विवेदी, श्री अजय परमार, श्री अजीज अंसारी, श्री गौरव गोयल और श्रीमती रंजना वर्मा ने अपने अनुभव बताये। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने युवा उद्यमी-मार्गदर्शिका और युवा उद्यमियों की डायरेक्ट्री का विमोचन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में उत्कृष्ट कार्य करने वाले नीमच, अशोकनगर, नरसिंहपुर, बुरहानपुर और जबलपुर जिलों को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
सम्मेलन में विधायक श्री ओमप्रकाश सकलेचा, विधायक श्री सूरज प्रकाश मीणा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री एस.के. मिश्रा, ट्रायफेक के प्रबंध संचालक श्री डी.पी. आहूजा, स्टेट बेंक ऑफ इंडिया के सी.जे.एम. श्री रितेन घोष सहित विभिन्न बेंक के क्षेत्रीय अधिकारी उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन उद्योग आयुक्त श्री व्ही.एल. कांताराव ने किया।