इंदौर, अक्टूबर 2012/ प्रदेश के आर्थिक विकास में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। इस क्षेत्र में कम पूँजी निवेश से अधिक रोजगार सृजन होता है। प्रदेश में वर्तमान में 4 लाख 7 हजार लघु और सूक्ष्म इकाइयाँ पंजीकृत हैं, जिनमें 4075 करोड़ से अधिक का पूँजी निवेश है और 12 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त है। प्रदेश में स्थापित 757 वृहद और मध्यम उद्योगों में 39.637 करोड़ का पूँजी निवेश है और मात्र 1 लाख 82 हजार व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है। इन्दौर में आज से प्रारंभ हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग सम्मेलन के द्वितीय सत्र में उपस्थित उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए यह बातें प्रदेश के उद्योग आयुक्त श्री आर.के.चतुर्वेदी ने कही।
उद्योग आयुक्त ने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के महत्व को देखते हुए शासन द्वारा इस क्षेत्र के विकास को विशेष महत्व दिया जा रहा है। इसी पृष्ठभूमि में समिट के दौरान लघु और सूक्ष्म उद्योगों का सम्मेलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग संर्वधन नीति में व्यापक संशोधन कर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग क्षेत्र को शासन से दी जाने वाली सुविधाओं का दायरा बढ़ाया गया है। पूँजी निवेश पर अनुदान की राशि बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है। ब्याज अनुदान की सीमा भी बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है। इस क्षेत्र को आर्थिक सुविधा देने के लिये जिलों का वर्गीकरण समाप्त कर दिया गया है। अब सभी जिलों में स्थापित होने वाले इन उद्योगों को एक समान पिछड़े जिले की श्रेणी ”स” की सुविधा मिलेगी।
श्री चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश में लघु एवं मध्यम इकाइयों को क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है ताकि निर्माण लागत कम हो सके। इन्दौर, देवास, उज्जैन, भोपाल, कटनी, जबलपुर एवं ग्वालियर शहरों के आसपास औषधि, नमकीन, रेडीमेड गारमेंट, प्लास्टिक, पैकेजिंग एवं इंजीनियरिंग जैसे क्लस्टर विकसित किये जा रहे हैं। प्रदेश में औद्योगिक अधोसंरचना उपलब्ध करवाने के उद़्देश्य से उपयुक्त अतिक्रमण मुक्त शासकीय भूमि चिन्हित कर 39 जिलों में कुल 19700 हेक्टेयर का लैण्ड बैंक संधारित किया गया है।
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक के उप प्रबंध संचालक श्री एन.के. मैनी ने बताया कि देश में 3 करोड़ से ज्यादा लघु एवं मध्यम उद्योग है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की विकास दर बहुत अच्छी है और यहॉ लघु एवं मध्यम उद्योगों को राज्य शासन भी प्रोत्साहित कर रहा है। यह प्रयास प्रदेश का चेहरा बदल देगा।
प्रदेश में बनेंगे रेल के इंजन
यह लघु उद्यमियों की सफलता का ही परिणाम है कि अब मध्यप्रदेश में रेल के इंजन बनेंगे। किसी जमाने में नट-बोल्ट एवं वायशर जैसी छोटी-छोटी आवश्यकता वाली सामग्री बनाने वाली भोपाल की छोटी-सी कम्पनी दौलतराम इन्डस्ट्रीज ने अब रेल के इंजन बनाने का बीड़ा उठाया है। कम्पनी के अध्यक्ष श्री सी पी शर्मा ने कहा कि उनकी कम्पनी के सीहोर में लोकोमोटिव इंजन बनाने के कारखाने के निर्माण का भूमि-पूजन 27 अक्टूबर को मुख्यमंत्री द्वारा किया गया है।
बेण्ड ज्वाइंट भोपाल के संचालक उत्तम गांगुली, हेड लीगल अफेयर्स एण्ड गव्हर्नमेन्ट रिलेशन्स, बोम्बारडियर ट्रांसपोर्ट बेनर्जिया के प्रमुख डॉ. निकोलस ब्रोउदर, अर्पित प्लास्टिक प्रायवेट लिमिटेड उज्जैन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विपणन आनन्द बांगर, एरन गु्रप पीथमपुर के प्रबंध संचालक गौरव एरन, जीईआई इण्डस्ट्रियल सिस्टम्स लिमिटेड भोपाल के प्रबंध संचालक सी.ई. फर्नान्डीज एवं देवास हाईड्रोलिक के मूंदड़ा बन्धु ने अपनी सफलताओं की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन नितिन नांदगांवकर ने किया। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने आभार व्यक्त किया।