भोपाल, अगस्त 2013/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में फार्मेसी की छात्रा द्वारा रेगिंग से पीड़ित होकर आत्महत्या करने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पूरे प्रदेश में रेगिंग पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेगिंग की रोकथाम को गंभीरता से लिया जाये। इस संबंध में निर्धारित दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन आवश्यक रूप से सुनिश्चित किया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक होने पर रेगिंग की रोकथाम के लिये और अधिक कड़े प्रावधान लागू किये जायेंगे।
श्री चौहान ने बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल में डिग्री वितरण से संबंधित शिकायतों को भी दूर करने के निर्देश उच्च शिक्षा विभाग को दिये हैं।
मुख्य सचिव ने की उच्च-स्तरीय बैठक
मुख्य सचिव आर. परशुराम ने भी उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में रेगिंग की प्रभावी रोकथाम के लिए किए गए प्रयासों की समीक्षा की। महाविद्यालय स्तर पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की घटनाओं पर पूर्णत: अंकुश लगाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि रैगिंग नियंत्रण में शिक्षण संस्थानों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने प्रदेश के सभी संभागायुक्तों को अपने संभाग में कलेक्टरों की अध्यक्षता में बैठक करने के निर्देश दिए हैं जिनमें रैगिंग के संबंध में सुप्रीम कोर्ट और राज्य शासन के निर्देशों से शासकीय महाविद्यालयों और निजी शिक्षण संस्थाओं को अवगत करवाया जाए। रैगिंग को पूरी तरह रोके जाने के निर्देशों के पालन और सीनियर विद्यार्थियों की काउंसलिंग के आवश्यक कदम भी उठाये जाएं।