भोपाल, नवम्बर 2015/ नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मध्यप्रदेश के लिये यह गौरव की बात है कि विश्व की सबसे बड़ी अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना रीवा में स्थापित की जा रही है। परियोजना को आदर्श बनाया जायेगा। श्री शुक्ल मुम्बई में इंटर सोलर एक्जीबिशन में देश एवं विदेश के निवेशकों को संबोधित कर रहे थे।
श्री शुक्ल ने बताया कि रीवा में 750 मेगावॉट की विश्व की सबसे बड़ी सोलर परियोजना 1560 हेक्टेयर क्षेत्रफल में स्थापित की जा रही है। इसके लिये 8 अगस्त, 2015 को भारतीय सौर ऊर्जा निगम और मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम की संयुक्त कम्पनी का गठन किया गया है। परियोजना के लिये 1260 हेक्टेयर सरकारी और 300 हेक्टेयर निजी जमीन अधिग्रहीत कर ली गयी है। नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी सोलर परियोजना को आगामी जून-2017 तक पूरा कर लिया जायेगा। परियोजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री से करवाया जायेगा।
परियोजना में बनने वाली बिजली का मध्यप्रदेश में उपयोग होगा। सरप्लस बिजली को दिल्ली मेट्रो रेल निगम को बेचा जायेगा। मंत्री ने निवेशकों को प्रदेश में सौर ऊर्जा की बेहतर संभावनाओं के बारे में भी जानकारी दी। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 667 मेगावॉट की योजना निर्माणाधीन है। प्रदेश में पवन ऊर्जा की 1025 मेगावॉट की परियोजना लगायी जा चुकी है। राज्य में 7,120 मेगावॉट की पवन ऊर्जा योजना निर्माणाधीन है।
प्रमुख सचिव ऊर्जा मनु श्रीवास्तव ने बताया कि केलिफोर्निया में विश्व की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना 550 मेगावॉट की थी। अब सबसे बड़ी परियोजना का गौरव रीवा को मिलेगा। उन्होंने लघु जल विद्युत परियोजना और बॉयोमास ऊर्जा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। भारतीय सौर ऊर्जा निगम के संचालक श्री दिलीप निगम तथा एमएमआई इण्डिया लिमिटेड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री कैथरिना सैलेगल ने भी संबोधित किया।