भोपाल, सितम्बर 2014/ राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने तीन दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम में आज अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिये सार्वजनिक सुनवाई प्रारंभ की। प्रशासन अकादमी में प्रारंभ हुई इस सुनवाई में आयोग के अध्यक्ष जस्टिस के.जी. बालाकृष्णन ने कहा कि सार्वजनिक सुनवाई का उद्देश्य मानव अधिकार से संबंधित लंबित प्रकरणों का निराकरण करना है। आयोग अन्य राज्य का भ्रमण भी कर रहा है। जस्टिस बालाकृष्णन ने कहा कि कल्याणकारी राज्य में उन लोगों की आवाज सुनना आवश्यक है जो अपनी बात प्राय: नहीं कह पाते। जन-सुनवाई या सार्वजनिक सुनवाई ऐसे व्यक्तियों को अपना पक्ष रखने और न्याय प्राप्त करने का अवसर देती है।
सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लालसिंह आर्य ने शुभारंभ सत्र में कहा कि मानव अधिकार संरक्षण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मानव अधिकारों की रक्षा ईश्वरीय कार्य है और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग जिस तरह आगे बढ़कर इस दिशा में कार्य कर रहा है, उसके अनुरुप मध्यप्रदेश में भी राज्य सरकार निष्ठा और पूरी ताकत से कार्य करेगी।