भोपाल, अक्टूबर 2014/ राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों की एक टीम ने आज यहाँ नर्मदा घाटी परियोजना क्षेत्रों में मलेरिया, डेंगू और अन्य कीटजनित रोगों की स्थिति की समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान के सहयोग से अपनी परियोजनाओं के क्षेत्र में मलेरिया और अन्य बीमारियों पर नियंत्रण और निगरानी के लिये एक स्वास्थ्य कार्यक्रम लागू किया है।
इस कार्यक्रम में एक महत्वाकांक्षी परियोजना का क्रियान्वयन परियोजनाओं के पुनर्वास स्थलों और अन्य संबंधित क्षेत्रों में किया जा रहा है। प्रत्येक परियोजना के लिये पृथक-पृथक स्वास्थ्य कार्ययोजनाएँ बनाकर लागू की जा रही हैं। राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान ने परियोजना क्षेत्रों के अंतर्गत नर्मदा नगर (खण्डवा), जबलपुर और भोपाल में मलेरिया और अन्य कीटजनित बीमारियों की निगरानी के लिये अनुसंधान इकाइयाँ स्थापित की हैं।
समीक्षा में स्वास्थ्य परियोजना की प्रगति के साथ ही मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियों को नियंत्रण में रखने आवश्यक ऐहतियाती उपायों पर भी विचार किया गया। राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान की संचालक डॉ. नीना वालेचा ने रोगों के अनुसंधान पर परिचयात्मक वक्तव्य दिया।परियोजना डायरेक्टर डॉ. बी.एन. नागपाल ने मध्यप्रदेश में लागू स्वास्थ्य कार्य-योजना के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। रोग अनुसंधान इकाइयों के प्रभारियों ने भी जानकारी प्रस्तुत की। रोगों की समीक्षा में भारत सरकार के लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सलाहकार डॉ. शिवलाल, वरिष्ठ स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. पी.एल. जोशी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के पूर्व क्षेत्रीय सलाहकार डॉ. ए.पी. दाश, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य मध्यप्रदेश डॉ. मोहन सिंह, स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. जे.सी.पालीवाल और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. जे.के. जैन तथा डॉ. सोमपाल भी उपस्थित थे।