भोपाल, अक्टूबर 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि योजनाओं की सफलता में बेंकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। राज्य में युवाओं के रोजगार के लिये गाँव-गाँव में लघु और कुटीर उद्योगों का जाल बिछाया जायेगा। महिला स्व-सहायता समूहों का लक्ष्य हर साल बढ़ाकर दोगुना किया जायेगा। अभियान चला कर शत-प्रतिशत बुनकरों के क्रेडिट कार्ड बनाये जायेंगे तथा शेष बचे किसानों के भी क्रेडिट कार्ड बनेंगे। मुख्यमंत्री ने बैंकर्स से कहा है कि मध्यप्रदेश को देश का नम्बर वन राज्य बनाने के लिये सकारात्मक तथा उत्साहजनक सहयोग दें। बड़े उद्योगों के साथ लघु और कुटीर उद्योगों को भी समान भाव से ऋण की सहूलियत दें।
मुख्यमंत्री यहाँ राज्य स्तरीय बेंकर्स सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने के लिये मध्यप्रदेश को मेक इन एम.पी. का मेन्युफेक्चरिंग हब बनाया जायेगा। मध्यप्रदेश भारतीय अर्थ-व्यवस्था का ड्राइविंग फोर्स बनेगा। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के तहत अगले पाँच साल में गरीबों के लिये 10 लाख मकान बनाये जायेंगे। मध्यप्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिये अब खेती के साथ उद्योगों पर भी ध्यान दिया जायेगा। प्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण, जैविक उत्पाद निर्माण, पर्यटन और निर्माण के क्षेत्रों में भरपूर संभावनाएँ हैं। मध्यप्रदेश में पिछले आठ साल से विकास दर लगभग 9 प्रतिशत रही है। इस वर्ष प्रदेश की विकास दर 11.08 प्रतिशत है जो देश में सर्वाधिक है। प्रदेश की कृषि विकास दर भी देश में सर्वाधिक 24.99 प्रतिशत है। प्रदेश में बिजली, पानी, सड़क जैसे अधोसंरचना क्षेत्रों में पिछले वर्षों में बेहतर कार्य हुआ है। जहाँ देश के अनेक राज्य बिजली संकट से जूझ रहे हैं वहीं मध्यप्रदेश में विद्युत आधिक्य है। गाँव, शहरों और उद्योगों को 24 घंटे बिजली दी जा रही है। श्री चौहान ने प्रदेश की महत्वाकांक्षी योजनाओं की सफलता मैं बेंकों से सहयोग की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से प्रदेश में निवेश का वातावरण बना है। प्रदेश में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री कारीगर स्व-रोजगार योजना जैसी योजनाएँ बनाई गई हैं। जिनके क्रियान्वयन से प्रदेश में क्रांति हो सकती है। राज्य शासन द्वारा वेंचर केपिटल फंड स्थापित किया गया है जो नवाचारी उद्यमी विचारों को प्रोत्साहित करेगा। बेंकर्स प्रदेश के युवाओं में विश्वास रखें तथा उन्हें उच्च शिक्षा तथा उद्योगों के लिये ऋण उपलब्ध करवायें। बताया गया कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना में देश में 38 लाख खाते खोले गये हैं जो देश में सर्वाधिक हैं। श्री चौहान ने जन-धन योजना में प्रदेश में सबसे पहले शत-प्रतिशत खाते खोलने के लिये बेंकों से सक्रियता की अपेक्षा व्यक्त की। श्री चौहान ने बेंकर्स से कहा कि ऋण स्वीकृति तथा योजनाओं की राशि आवंटन में मिलने वाली शिकायतों को गंभीरता से लिया जाय। जिन योजनाओं में लक्ष्य से अधिक आवेदन आते हैं उनकी स्वीकृति की पारदर्शी प्रक्रिया बनायी जाय। घर बनाने की योजनाओं की राशि एकमुश्त दिये जाने का भी उन्होंने सुझाव दिया।
मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने कहा कि प्रदेश के वार्षिक क्रेडिट प्लान में 71 हजार करोड़ रूपये ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इसमें कृषि क्षेत्र में 53 हजार करोड़ रूपये, सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों में 10 हजार करोड़ रूपये तथा अन्य क्षेत्रों में 7,600 करोड़ रूपये है। आगामी 31 दिसम्बर तक विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं में ऋण स्वीकृति की कार्रवाई पूरी हो जाये। सेंट्रल बेंक ऑफ इंडिया के कार्यपालक निदेशक श्री राजकुमार गोयल ने कहा कि मध्यप्रदेश की विकास के क्षेत्र में एक नयी पहचान बनी है। राज्य के समग्र विकास में बेंक सम्पूर्ण योगदान देने के लिये तैयार हैं। वार्षिक कार्य-योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये सभी प्रयास किये जायेंगे।