भोपाल, जनवरी 2016/ ऐसा लगता है कि मध्‍यप्रदेश की भाजपा सरकार और संगठन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। संगठन के जिला स्‍तर पर हुए चुनावों को लेकर पिछले दिनों  घमासान की खबरें आई थीं और अब ताजा खबर राजधानी से आई है जहां स्‍काउट और गाइड संगठन के चुनाव को लेकर स्‍कूल शिक्षा विभाग के मंत्री और राज्‍य मंत्री ही आपस में भिड़ गए। मंत्री पारस जैन और राज्‍य मंत्री दीपक जोशी ने इस संगठन के अध्‍यक्ष और कमिश्‍नर बनने के लिए दावेदारी ठोक दी है। मामले में पेच फंसने के बाद नौबत यहां तक आ गई कि पार्टी के प्रदेश संगठन को हस्‍तक्षेप करना पड़ा और उसने इन लोगों को नामांकन भरने की अनुमति देने के साथ उनके नाम वापसी के फार्म भी अपने पास जमा करवा लिए।

हालांकि शनिवार शाम ये खबर भी आई कि पार्टी ने मामले का हल निकालते हुए समझौता करवा दिया है और अब अध्‍यक्ष पद पर मुरैना के सांसद रहे अशोक अर्गल को बैठाया जाएगा। मंत्री को कमिश्‍नर और राज्‍य मंत्री को उपाध्‍यक्ष का पद देकर संतुष्‍ट किया गया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर डेढ़ करोड़ मात्र के बजट वाले स्‍काउट और गाइड संस्‍थान में ऐसा क्‍या मीठा है जिस पर सारे नेता मक्‍खी की तरह चिपकने को घूम रहे हैं।

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