भोपाल, दिसम्बर 2014/ भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने हमें विकास और सुशासन का मंत्र दिया था। श्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने विकासोन्मुखी सुशासनयुक्त व्यवस्था को साकार किया है जिससे देश की सवा अरब आबादी को सुकून और राहत मिली है। विकास और सुशासन पर्यायवाची नहीं है। विकास से सृजन होता है, लेकिन विकास की जड़ में भ्रष्टाचार का घुन और गरीब की उपेक्षा का जो ढर्रा बन जाता है वह सुशासन को पटरी से उतार देता है और कुशासन में बदल देता है। सुशासन की दिशा में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने संकल्पित प्रयास किए है जिससे देश में सकारात्मक पर्यावरण बना है।

उन्होंने कहा कि देश में बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुए अरसा गुजर गया, लेकिन साढ़े सात करोड़ परिवार ऐसे थे जो बैंको की देहली पर पैर नहीं रख पाए थे, क्योंकि उन्हें यह भय था कि बिना पूंजी के बैंक में सिर्फ अपमान हो सकता है। मोदी सरकार ने गरीब का सम्मान बढ़ाते हुए जन धन योजना आरंभ की और आज देश के 97 प्रतिशत व्यक्ति बैंक से जुड़ चुके है। 3 प्रतिशत जो रह गए है वे 26 जनवरी तक जुड़ जायेंगे। बिना पैसे डिपाजिट किए बैंक में खाता खोलना संभव बना दिया गया है जिससे खातेदार को 1 लाख रू. का दुर्घटना बीमा और 30 हजार रू. मेडीकल की सुविधा भी दी गयी है।

बेरोजगारी देश की सबसे बड़ी समस्या थी, लेकिन मोदी सरकार ने बेरोजगारी पर मेक इन इंडिया अभियान आरंभ करके जर्बदस्त प्रहार किया है। मेक इन इंडिया से विदेशी मुद्रा बचेगी और रोजगार की संभावनाएं लगातार बढ़ती जायेगी। मानव संसाधन देश में उपलब्ध है उसको संवारने के लिए स्किल डेव्लपमेंट की सुविधाएं जुटाना होगी।

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