भोपाल, फरवरी 2015/ मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा ने राज्य में स्वाईन फ्लू नियंत्रण के प्रयासों की मंत्रालय में समीक्षा की। राज्य शासन द्वारा गठित समन्वय समिति प्रतिदिन रोग नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा कर रही है। बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा अजय तिर्की और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बताया गया कि राज्य में रोग पर नियंत्रण के प्रयास युद्ध स्तर पर किए गए हैं जो निरंतर जारी हैं। राज्य स्तर से सभी आवश्यक दवाएँ, मास्क, प्रोटेक्शन किट आदि पर्याप्त मात्रा में प्रदाय किए गए हैं । केंद्र सरकार से पूरा सहयोग मिला है। विभिन्न अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती 142 रोगी पूर्णत: स्वस्थ होकर घर भेजे गए हैं। वर्तमान में 390 रोगी भर्ती हैं जो उपचार प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निजी अस्पताल में स्वाइन फ्लू का इलाज करवाने पर निर्धन तबके को स्वेच्छानुदान राशि का लाभ दिलवाने की व्यवस्था करवाई है।
मुख्य सचिव डिसा ने बैठक में जिला स्तर पर स्वाइन फ्लू उपचार कार्यों की जानकारी ली। प्रमुख सचिव प्रवीर कृष्ण ने बताया कि 7000 चिकित्सक और स्वास्थ्य विभाग के एक लाख शासकीय सेवक राजधानी से ग्राम स्तर तक जन-जागरूकता का कार्य भी कर रहे हैं। जिलों के भ्रमण पर 100 अधिकारी रवाना किए गए हैं जो उपचार व्यवस्था देख रहे हैं। प्रतिदिन सूक्ष्म समीक्षा की जा रही है।
रोगियों के उपचार में संलग्न डाक्टर्स और अन्य स्टाफ को व्यक्तिगत स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए आवश्यक वेक्सीन लगाए गए हैं। जरूरी मास्क के उपयोग की समझाइश भी दी गई है। इन उपायों का पालन हो रहा है।
स्वाइन फ्लू के प्रारंभिक लक्षण नजर आते ही उपचार शुरू करवाने के महत्व पर चर्चा हुई। इस बात को विभिन्न प्रचार माध्यम से लोगों तक पहुँचाया गया है। किसी व्यक्ति को सर्दी, जुकाम, खाँसी, गले में खराश महसूस होने पर 24 से 36 घंटे के भीतर नजदीकी सरकारी या चिन्हित अस्पताल में इलाज के लिए पहुँचना चाहिए।
अस्पताल पहुँचने में किए गए विलंब का खामियाजा ही अब तक हुई मौतों के मामलों में देखा गया है। ऐसे प्रकरण कहीं नहीं देखे गए जिसमें अस्पताल के स्तर पर उपचार में विलंब हुआ हो। जहाँ रोगी और अभिभावक ने जागरूक रहकर अपनी स्वास्थ्य रक्षा के लिए खुद तत्परता बरती, उन प्रकरणों में उपचार जीवनदायी सिद्ध हुआ है। नागरिकों को भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचने की अपील की गई है।