भोपाल, फरवरी 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नशामुक्त समाज निर्माण का शंखनाद करते हुए संकल्प किया कि वे अपने सभी संबोधन में नशामुक्ति का संदेश देंगे। श्री चौहान 108 वें शक्ति चेतना जन-जागरण शिविर नशामुक्ति महाशंखनाद शिविर को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव तथा शिविर के प्रणेता सदगुरू परमहंस योगीराज शक्तिपुत्र महाराज भी उपस्थित थे।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नशामुक्त समाज निर्माण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। आओ बनाये मध्यप्रदेश आंदोलन के माध्यम से प्रदेशवासियों को नशामुक्त, स्वच्छ जीवन जीने, पानी-बिजली का अपव्यय रोकने, बेटी बचाने और वर्ष में कम से कम एक पेड़ लगाने के लिए संकल्पित करवाया गया है। राज्य में शराब की नई दुकानें नहीं खोली जा रही हैं। शराब बनाने की फैक्टरी भी नहीं लगने दी जा रही है। अवैध शराब प्रचलन के प्रकरणों में कठोरतम कार्रवाई की जाती है। प्रदेश से माँस निर्यात की भी अनुमति नहीं है।
जीवन का अंतिम लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है। जिसके तीन मार्ग ज्ञान, भक्ति और कर्म हैं। ज्ञान मार्ग पर चलने वाला सदमार्ग का दिग्दर्शन कराता है। भक्तिमार्गी ईश्वर की आराधना में सुध-बुध खो देता है और परमात्मा को प्राप्त करता है। इसी तरह अपने कर्त्तव्यों का ईमानदारी, निष्ठा के साथ निर्वहन करने वाले शिक्षक, चिकित्सक, इंजीनियर, ठेकेदार, व्यापारी, राजनेता कर्म मार्ग से ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं। मानव का भौतिक सुख सच्चा सुख नहीं हैं। मन, बुद्धि और आत्मा का सुख ही सच्चा सुख है।
योगीराज शक्तिपुत्र महाराज ने नशा, माँस, छुआछूत और सम्प्रदाय मुक्त जीवन जीने का आव्हान किया। कहा कि मानवता के पतनोन्मुखी होने के दो कारण हैं नशा और गौ-हत्या। आत्मा की निर्मलता के लिए नशा-माँस का परित्याग अनिवार्य है। भव्य मानव कल्याण संगठन के स्वयंसेवक नशा-माँस मुक्त समाज निर्माण के लिए संकल्पित हैं।