भोपाल, अगस्त 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहाँ पुस्तक ”आशापुरी- द क्रेडिल ऑफ परमार एंड प्रतिहार आर्ट टेम्पल अनविल्ड” का विमोचन किया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह भी उपस्थित थी। पुस्तक के लेखक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अशोक शाह है।
रायसेन जिले की गौहरगंज तहसील में स्थित आशापुरी अपने पुरातत्वीय एवं सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के मन्दिर भग्नावशेष विभिन्न समूहों यथा भूतनाथ मंदिर, आशादेवी मंदिर, सतमासिया एवं बिलौटा मंदिर समूह में है। पुस्तक ”आशापुरी – द क्रेडिल ऑफ परमार एवं प्रतिहार आर्ट टेम्पल अनविल्ड” भूतनाथ मंदिर समूह के शिल्पखण्डों में प्राप्त मंदिरों, प्रतिमाओं तथा अन्य पुरातत्वीय धरोहर का अध्ययन है। आशापुरी से संबंधित इस पुस्तक में प्रकाशित मंदिरों, प्रतिमाओं इत्यादि के फोटो पहली बार प्रकाश में आये हैं। पुस्तक में यहाँ के प्राप्त अवशेषों के आधार पर मंदिरों की शैली, कलागत विशेषता, प्रतिमाओं की शैली तथा प्रतिमा शिल्प की विशेषताओं का सूक्ष्म अध्ययन किया गया है। पुस्तक में आशापुरी के अन्य मंदिरों बिलौटा, सतमसिया के पुरावशेषों के साथ रायसेन जिले के अन्य पुरातत्वीय स्थलों जैसे भोजपुरी, भीमबैठका, कीरत नगर के मंदिर और नगर विन्यास, साँची, सोनारी, सतधारा, अंधेर, मुरेलखुर्द के पुरातत्वीय धरोहर तथा भागदेई आदि स्थलों के पुरातत्वीय महत्व को भी बताया गया है।
इस मौके पर प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर मनोज श्रीवास्तव और एडीजी एसएएफ शैलेन्द्र श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।