भोपाल, अक्टूबर 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में अल्प वर्षा से उत्पन्न स्थिति के आकलन के लिये गुरूवार को दिन भर वरिष्ठ अधिकारियों से वन-टू-वन चर्चा की। गाँवों के भ्रमण से लौटे अधिकारियों से खेती-किसानी, रोजगार, पेयजल तथा हितग्राहीमूलक योजनाओं के क्रियान्वयन की मैदानी वस्तु-स्थिति जानी। साथ ही इन्हें बेहतर बनाने के सुझाव भी लिये।
मुख्यमंत्री ने गुरूवार को मंत्रालय में प्रात: साढ़े नौ बजे से अधिकारियों से अलग-अलग चर्चा शुरू की। इन अधिकारियों ने तीन दिन गाँवों में किसानों के बीच रहकर जानकारी हासिल की है। चर्चा का क्रम मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा से शुरू हुआ। उन्होंने भ्रमण के दौरान किसानों और गाँववासियों से मिली जानकारी से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया। साथ ही जरूरी सुझाव भी दिये। इसी तरह मुख्यमंत्री ने डेढ़ सौ से ज्यादा वरिष्ठ आई.ए.एस., आई.पी.एस. और आई.एफ.एस. अधिकारियों से वन-टू-वन चर्चा की। उन्होंने हर अधिकारी से चार से पाँच मिनट चर्चा की।
श्री चौहान ने स्पष्ट कहा कि वे अल्प वर्षा से उत्पन्न स्थिति के साथ-साथ गाँवों में उपलब्ध संसाधन और सहूलियतों से संबंधित हरेक चीज की जानकारी से अवगत होना चाहते हैं। इससे सूखे की स्थिति से निपटने, खेती को लाभदायी बनाने, रोजगार के वैकल्पिक साधन मुहैया करवाने तथा हितग्राहीमूलक योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के ठोस और स्थाई उपाय किये जा सकें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से फसलों की स्थिति, खाद, बीज, सिंचाई, बिजली और फसल ऋण की उपलब्धता, पेयजल, रोजगार, सार्वजनिक वितरण प्रणाली,पेंशन योजनाओँ एवं शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं आदि की स्थिति की जानकारी ली। साथ ही कृषि को लाभ का धंधा बनाने, कृषि के अतिरिक्त वैकल्पिक आमदनी एवं रोजगार के लिये दीर्घकालीन व्यवस्था के सुझाव भी लिये।
चर्चा के बाद अधिकारी 30 अक्टूबर को पाँच समूह में व्यापक चर्चा करेंगे और अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण 3 नवम्बर को होगा। इसी बीच 31 अक्टूबर को कृषि टॉस्क फोर्स की बैठक भी होगी। इसके बाद प्राप्त जानकारी एवं सुझावों के आधार पर कारगर और स्थायी व्यवस्था की जायेगी।