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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विधवा विवाह को प्रोत्साहन देने के लिये मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में विधवा विवाह को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए 2 लाख रुपए स्वीकृत किए जाएंगे। उन्होंने महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को रोकने के लिए प्रत्येक जिले में उषा किरण केंद्र खोलने की घोषणा की। श्री चौहान स्थानीय रविन्द्र भवन में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भव्य ‘शक्ति का उत्सव” को संबोधित कर रहे थे।

श्री चौहान ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि जल्दी ही महिलाओं के स्व-सहायता समूह का सम्मेलन बुलाया जाएगा। बेटियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं की संभावना रोकने के लिये उन्होंने कहा कि स्कूलों, कॉलेजों में शिकायत पेटी रखने की व्यवस्था की जायेगी। बेटियों की शिकायत को बाल अधिकार संरक्षण आयोग और अन्य सक्षम संस्था के सामने खोला जाएगा और उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। श्री चौहान ने तेजस्विनी और शौर्या दल के सदस्यों को ड्राइविंग सिखाने की व्यवस्था करने की भी घोषणा की। स्कूल, कॉलेजों में बेटियों को आत्म-रक्षा की ट्रेनिंग देने की व्यवस्था भी की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटी बचाओ को समाज का आंदोलन बनाना होगा। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि सामाजिक कार्यक्रमों में बेटी बचाओ के संदेश का प्रसार करें। शादी के निमंत्रण पत्र में बेटी बचाओ का संदेश प्रकाशित करें। उन्होंने कहा कि नारी अबला नहीं सिद्धा है। श्री चौहान ने कहा कि बेटियाँ किसी से कम नहीं। यदि उन्हें थोड़ा सहयोग मिल जाये तो वे आसमान छू सकती हैं। श्री चौहान ने ग्वालियर की छह वर्षीय बेटी आणवी रावत की गणेश वंदना प्रस्तुति से प्रभावित होकर उसे 25 हजार रूपये का नगद इनाम देने की घोषणा की।

श्री चौहान ने कहा कि भारतीय पंरपरा में नारी को सर्वत्र पूजनीय माना गया है। वह शक्ति स्वरूपा भी है और ममतामयी भी। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये पिछले एक दशक में बहुत काम हुआ लेकिन अभी बहुत काम करना बाकी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बेटियों के प्रति समाज में सकारात्मक सोच लाने के लिये सामाजिक परिवर्तन की मुहिम चलाना होगी। यह काम समाज और सरकार दोनों को मिलकर करना होगा। उन्होंने कहा कि समाज में वह दिन भी आयेगा जब बेटियों के जन्म के लिये ईश्वर से प्रार्थना की जायेगी। श्री चौहान ने कहा कि बेटी बचाओ अभियान की शुरूआत भिण्ड से एक दशक पहले हुई थी। आज काफी बदलाव आया है लेकिन संपूर्ण बदलाव लाने के लिये निरंतर अभियान चलाना पड़ेगा।

श्री चौहान ने कहा कि जो लोग माताओं, बहनों और बेटियों की छवि को समाज में अप्रिय रूप से प्रदर्शित करते हैं उनके खिलाफ भी सशक्त आंदोलन चलाना पड़ेगा। श्री चौहान ने कहा कि सरकारी नौकरियों में वन विभाग को छोड़कर सभी विभागों में 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दिया गया है। पुलिस में भर्ती होने के लिये महिलाओं को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी की जायेगी। प्रतिभाशाली बेटियों की पढ़ाई का खर्चा उठाने के लिये भी योजना भी बनाई जा रही है।

महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिलाएँ लगातार सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक रूप से सशक्त हो रही हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि मध्यप्रदेश महिला सशक्तिकरण की दिशा में इतिहास बना रहा है। इस दिशा में पिछले दस साल में समाज की सोच में सकारात्मक परिवर्तन आया है।

प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास श्री जे.एन.कंसोटिया ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने बेटी बचाओ अभियान शुरू किया था। अब महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला नीति पर आधारित कार्यक्रम बनाये जा रहे हैं। उन्होंने विभागीय योजनाओं की प्रगति का उल्लेख किया। विगत एक दशक में महिला सशक्तिकरण के लिये उठाये गये कदमों और नवाचारों पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने अनमोल-2 की वेबसाइट का लोकार्पण भी किया।

मुख्यमंत्री ने श्री विष्णु कुमार सम्मान पुरस्कार 2015 राजगढ़ के श्री जमुना लाल बैरागी को प्रदान किया। मुख्यमंत्री नारी सम्मान रक्षा पुरस्कार सिवनी की सुश्री अनिता राम को दिया गया। मुख्यमंत्री ने लाडो अभियान और शौर्या दल के सदस्यों को भी सम्मानित किया। देवास की जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्रीमती नीलम सूद को लाडो अभियान में उत्कृष्ट कार्य के लिये सम्मानित किया गया। महिला -बाल विकास विभाग की योजनाओं को संभाग स्तर पर प्रभावी रूप से अमल में लाने के लिये उज्जैन, जबलपुर, इंदौर एवं ग्वालियर संभाग को वर्ष 2015 के लिये पुरस्कृत किया गया। इसी प्रकार मंदसौर, धार, शिवपुरी, विदिशा, शाजापुर, सीधी, छिंदवाड़ा, कटनी, बैतूल, अनूपपुर, रीवा जिले को पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम में बाल कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री राघवेन्द्र शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान, महिला सशक्तिकरण आयुक्त श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव , आयुक्त एकीकृत बाल विकास श्रीमती पुष्पलता सिंह और बड़ी संख्या में महिलाएँ, बेटियाँ उपस्थित थीं।

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