भोपाल, मई 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना भारत की सर्वाधिक लोकप्रिय योजना है। योजना की लोकप्रियता के कारण ही दूसरे राज्यो ने भी इसे अपनाया है। योजना में मिलने वाली राशि में से 10 हजार रूपये की एफडी वर-वधु के नाम किये जाने का नवीन प्रावधान किया गया हैं। इस राशि को भविष्य में नवविवाहित जोडे अपने भावी बच्चो की पढाई-लिखाई पर खर्च कर सकेंगे। मुख्यमंत्री गुरूवार को मांडू में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत जिला स्तरीय सामूहिक विवाह कार्यक्रम में बोल रहे थे। उनकी उपस्थिति में 902 जोड़े ने अग्नि के समक्ष सात फेरे लिये। मुख्यमंत्री ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया।
मुख्यमंत्री ने मांडू में पीने के पानी की समस्या के संबध में कहा कि नर्मदा नदी से पानी लाने की योजना का तकनीकी परीक्षण करवा लिया जाए। यदि जाँच में योजना उपयुक्त पाई जाती है तो वे पानी की समस्या के हल के लिये 25 करोड़ की स्वीकृति देंगे।
श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा के पानी को क्षिप्रा में मिलाने का सफल प्रयोग हुआ है इसी तरह का प्रयास गंभीर, सिंध, पार्वती नदी में नर्मदा का पानी डालने के लिए किया जा रहा है। तकनीकी दृष्टि से साध्य हुआ तो नर्मदा का पानी चम्बल में पहुँचाने की भी कोशिश की जाएगी। ओंकारेश्वर बांध में 191 मीटर ऊँचाई तक भरने के फैसले को सही बताते हुये कहा कि इसके कारण धामनोद से कुक्षी तक नहरों के माघ्यम से किसानों को भरपूर पानी मिल सकेगा। उन्होंने आगामी जून माह में धामनोद में पानी पहुँचने पर एक बड़ा आयोजन करने के लिए स्थानीय प्रतिनिधियों से कहा।
मुख्यमंत्री ने लाड़ली लक्ष्मी योजना में 5 कन्या को स्वीकृति-पत्र, सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार योजना में जिला स्तरीय पुरस्कार श्री कैलाश-रामचंद्र, विकासखंड स्तरीय पुरस्कार के लिये श्री खड़क सिंह तथा श्री घनश्याम को शॉल-श्रीफल व प्रमाण-पत्र सौंपकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में एक नि:शक्त जोड़े को 50 हजार रुपये का चेक दिया। मुख्यमंत्री ने ईसाई समुदाय के एक जोड़े सहित नव-विवाहित वर-वधुओं को दीर्घ व मंगलमय जीवन का आशीर्वाद भी दिया। कश्मीर की केसर को कुक्षी में उगाने वाले व नवाचारों के धनी कृषक श्री बाबूलाल परिहार को भी सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कन्यादान योजना में हुए विवाह समारोह में परिवार की तर्ज पर काम करने पर जिला प्रशासन और जन-प्रतिनिधियों की प्रशंसा की।