भोपाल, फरवरी 2015/ केन्द्रीय खान एवं इस्पात मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में माइनिंग इनडाबा- 2015 में भाग लेने गए भारतीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के खनिज साधन मंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी प्रतिनिधि मंडल में शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका में खनन पर होने वाले वार्षिक वैश्विक समारोह में पूरी दुनिया के 10 हजार प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। समारोह में दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया,घाना, अंगोला, सूडान, नाइजीरिया, गैबोन, इरिट्रिया, केन्या, माली और अन्य देशों के 18 खनन मंत्री भी भाग ले रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल का मुख्य उद्देश्य भारतीय खनन नियमनों में हाल में हुए संशोधनों तथा भारतीय खनिज क्षेत्र में विदेशी कम्पनियों के निवेश अवसरों को रेखांकित करना है। साथ ही खनन क्षेत्र में नवीनतम वैश्विक प्रौद्योगिकी को लाना है। इससे उत्खनन को बढ़ावा मिलेगा। यह घरेलू उत्पादन में सहयोग देने विदेशों से खनिज आपूर्ति को सुनिश्चित कर उद्योगों को उनकी मेक इन इंडिया पहल को प्रोत्साहित करेगा।
श्री तोमर ने भारत में खनन कानूनों एवं नियमनों में हाल में किये गये संशोधन को रेखांकित करते हुए कहा कि यह संशोधन नीलामी के जरिये खनिज के आवंटन में पारदर्शिता लायेंगे। मंजूरी एवं स्वीकृति पाने में होने वाली देरी को दूर करने राज्य सरकारों को और अधिक अधिकार प्रदान किये गये हैं। प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ ही स्थिरता के लिए लीज की अवधि को 30 से बढ़ाकर 50 वर्ष किया गया है। राज्य सरकारों को अधिक अधिकार दिये गये हैं तथा 31 अतिरिक्त खनिज को पूरी तरह राज्य सरकारों को सौंप दिया गया है। ऐसे खनिज की सूची बढ़कर अब 54 तक पहुँच गई है।
राष्ट्रीय ट्रस्ट का गठन
श्री तोमर ने बताया कि देश में खनिज उत्खनन को बढ़ावा देने राष्ट्रीय खनिज उत्खनन ट्रस्ट का गठन किया गया है। खनन गतिविधियों से प्रभावित होने वाले लोगों के हित में जिला खनिज फण्ड का सृजन किया गया है। यह पहल दीर्घकालीन खनन में मददगार होगी, जो समाज का समान विकास सुनिश्चित करेगी। उन्होंने वेदांता जैसी कम्पनियों से आग्रह किया कि वे अपना अच्छा काम जारी रख पूरी दुनिया में ब्रांड इंडिया को मजबूत करने में सहायता करें।
श्री तोमर ने बैठक में शामिल होने वाले प्रतिनिधियों से अपील की कि वे दूसरे देशों में होने वाले खनन सम्मेलनों, कार्यशाला में भागीदारी का आदान-प्रदान करें। उन्होंने कहा कि खनन कानूनों, प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन पर सूचना का प्रकाशन, सदस्य इकाई के बीच सहयोग तथा संयुक्त उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।
केन्द्रीय खनन मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के साथ दक्षिण अफ्रीका की दो बड़ी कानूनी सलाहकार कम्पनी मेसर्स ईएनएस अफ्रीका के चेयरमेन प्रोफेसर माइकल काट्ज और मेसर्स वेबर वनेट्जेल के पार्टनर एवं साउथ एशिया प्रमुख श्री रॉबर्ट एपेलबॉम के साथ मुलाकात की। उन्होंने वेदांता रिसोर्सेज पीएलसी (ब्लेक माउंटेन ग्रुप) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री टोम एलबेनेस तथा अफ्रीकी क्षेत्र में खनन के सबसे बड़े उद्योग मंडल चेम्बर ऑफ माइन्स ऑफ साउथ अफ्रीका के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात की।
मध्यप्रदेश ने बनाई विशिष्ट पहचान
खनिज साधन मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश ने पिछले कुछ वर्ष में निवेश मित्र के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। यहाँ निवेश के लिए विशेष रूप से खनिज संसाधन के क्षेत्र में अनुकूल माहौल है। निवेशकों केलिए प्रदेश में अधोसंरचना से जुड़ी सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। श्री शुक्ल ने निवेशकों से निश्चिंत होकर निवेश करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि हीरे के उत्पादन के मामले में मध्यप्रदेश अग्रणी है। श्री शुक्ल ने प्रदेश में सीमेंट उद्योग की गतिविधियों से भी निवेशकों को अवगत करवाया।