भोपाल, अक्टूबर 2014/ महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये उन्हें बाजार की आधुनिक तकनीक से जोड़ा जायेगा। इसके लिए ई-हाट योजना शुरू होगी। महिला वित्त विकास निगम की समीक्षा बैठक में महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि स्त्रियों को स्थाई आर्थिक स्रोतों से जोड़ने की जरूरत है, तभी हम उन्हें वास्तविक रूप में समर्थ और सक्षम बना पायेंगे। बैठक में आयुक्त महिला सशक्तिकरण एवं प्रबंध संचालक महिला वित्त विकास निगम श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव भी उपस्थित थीं।
मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि महिलाओं की स्थाई आमदनी का जरिया बनाना चाहिए, ताकि वे बेहतर जीवन यापन कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिये जरूरी है कि बाजार की नई तकनीक को अपनाया जाये जिससे महिलाएँ लाभ उठाकर आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिये प्रशिक्षण व्यवस्था को पुख्ता बनाया जाना चाहिए।
महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने शौर्या-दल की समीक्षा करते हुए कहा कि समाज में इन दलों का महत्व बढ़ा है और लोगों के बीच इसकी स्वीकार्यता बनी है। उन्होंने कहा कि शौर्या-दल को इतना सशक्त बनाया जाये कि वह समाज की सबसे अंतिम पंक्ति में रहने वाली महिलाओं की आवाज बने। उन्होंने महिलाओं और बच्चों के हक में बने कानून, संस्थाओं और योजनाओं-कार्यक्रमों का अधिक से अधिक प्रचार शौर्या-दल के माध्यम से करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ऐसे कानूनों की समीक्षा की जाये, जो आज के संदर्भ में अप्रासंगिक हो गये हैं और उसके स्थान पर प्रभावी कानून बनाये जायें।
श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने कहा कि ई-हाट योजना में प्रदेश में सभी पंजीकृत एवं उत्पादक स्व-सहायता समूहों, व्यक्तिगत महिला उद्यमी को चिन्हांकित कर उनके उत्पादन आधारित जिला एवं राज्य-स्तरीय इन्वेंट्री तैयार की जायेगी। महिला उद्यमी और समूहों का नीड एसेसमेंट कर उन्हें विषय-विशेष का प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि ई-हाट योजना में महिला वित्त एवं विकास निगम द्वारा पंजीकृत ब्रॉण्ड नेम ‘भारती” का उपयोग किया जायेगा। ब्रॉण्डिंग के बाद उत्पादन को विभिन्न क्रय एजेंसी से लिंक किया जायेगा, जिनमें दिल्ली हाट-बाजार, सूरज-कुण्ड मेला, ग्वालियर मेला, भोपाल हाट-बाजार और भोपाल उत्सव मेला शामिल है।
ई-हाट योजना में पंजीकृत उत्पादक, स्व-सहायता समूह और महिला उद्यमियों, मार्केटिंग के लिये उपलब्ध संस्थाओं और इवेंट्स की जानकारी ऑनलाइन की जायेगी। निगम की भूमिका ई-हाट योजना में फेसिलिटेटर की होगी। निगम क्रेता और उत्पादक को प्रत्यक्षत: लिंक करवाने के साथ ही क्वालिटी कंट्रोल, ब्रांडिंग और मार्केटिंग को उच्च-स्तरीय व्यावसायिक स्वरूप प्रदान करेगा।