भोपाल, नवंबर 2012/ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि स्त्री-पुरूष में भेदभाव के परिदृश्य को बदलने की जरूरत है। महिलाओं के प्रति विकृत सोच का, विरोध करना जरूरी है। विरोध की इसी आवाज को मजबूती देने के लिये, बेटी बचाओ अभियान चलाया जा रहा है। श्री चौहान यहाँ रवीन्‍द्र भवन में 16वें ओजस्विनी अलंकरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी मुख्य अतिथि थे।

इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री जयंत मलैया, संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में ओजस्विनी पत्रिका में प्रकाशित संपादकीय के संकलन भूमिजा का विमोचन भी किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटी बचेगी और बढ़ेगी, तभी कल है। समाज में बेटियों के प्रति भेदभाव की भावना को समाप्त करने के जन जागरण के प्रयासों में आगामी 19 नवम्बर को ग्वालियर में एक लाख से अधिक माताओं-बेटियों के सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह अभियान रानी लक्ष्मीबाई की जयंती 19 नवम्बर से राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती तक मनाया जाएगा। जहाँ पर पुरूष की सार्मथ्य समाप्त हो जाती है वहीं से मातृशक्ति प्रारंभ होती है। देवता जब विवश हो जाते थे तब मातृशक्ति ही उनका बचाव करती थी। उन्‍होंने देश की महान महिला विभूतियों का स्मरण करते हुए नारी शक्ति की क्षमताओं और योग्यताओं का उल्लेख किया और कहा कि जड़ और चेतन सभी एक ही चेतना के विभिन्न रूप हैं। इसलिये किसी के साथ भी भेदभाव अनुचित है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि महिलाओं में आत्म विश्वास जगाने की जरूरत है। विज्ञान हो या आध्यात्म, पर्यावरण हो अथवा पारिस्थितिकी जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाएं सर्वश्रेष्ठ योगदान दे सकती है। उन्हें पूरी क्षमता और मनोयोग के साथ आगे आना होगा। देश को बदलना है तो समाज की सोच को बदलना होगा। अतीत की लिंग, जाति, धर्म और क्षेत्र के भेदभाव की कटु स्मृतियाँ को भूलकर पूरी क्षमता और सकारात्मक सोच के साथ राष्ट्र निर्माण के लिये आगे आना होगा। भारत विश्व की महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। मूल्य आधारित शिक्षा और आधुनिक विज्ञान के साथ 21वीं सदी के देश का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने ओजस्विनी द्वारा नारी शक्ति जागरण के प्रयासों की सराहना करते हुये इसकी निरंतरता बताए रखने की आवश्यकता बताई।

स्वागत उद्बोधन में डॉ. सुधा मलैया ने बताया कि ओजस्विनी पत्रिका के प्रकाशन के 20 वर्ष पूर्ण हो गए हैं। ओजस्विनी अलंकरण का यह 16वां वर्ष है। अभी तक अंलकरण कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रों की ख्यात प्रतिभाओं को पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

कार्यक्रम में ओजस्विनी अलंकरण श्रीमती सुशीला भंडारी, सुश्री विलेन्डा राइट, सुश्री ट्रेसी थॉमस और श्रीमती लक्ष्मी न्यूटन और श्री न्यूटन को अलंकृत किया गया। उन्हें शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह और ग्यारह हजार रूपये की राशि प्रदान की गई।

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