भोपाल, अप्रैल 2015/ महिला-बाल विकास मंत्री माया सिंह ने कहा है कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का रोडमेप बनाकर वर्ष 2016 में इसे विजन डाक्यूमेंट के रूप में कार्य-योजना में शामिल करें। श्रीमती सिंह की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश महिला वित्त एवं विकास निगम के संचालक मंडल की बैठक में वर्ष 2015-16 में की जाने वाली गतिविधियों का अनुमोदन किया गया। बैठक में प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास जे.एन. कंसोटिया एवं निगम की प्रबंध संचालक कल्पना श्रीवास्तव भी उपस्थित थीं।

मंत्री ने कहा कि जेंडर-बजट के जरिये लाभान्वित हो रही महिलाओं का स्पष्ट उल्लेख विभागों के बजट में होना चाहिये। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर 25 विभाग में अलग से महिलाओं के लिये बजट का निर्धारण हो रहा है। जेंडर बजट विधानसभा में प्रस्तुत करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। इसका प्रभाव हमें स्पष्ट दिखलाई दे और इसकी सुनिश्चित प्रक्रिया अपनाई जाना चाहिये।

श्रीमती सिंह ने स्वागतम लक्ष्मी योजना में कम लिंगानुपात वाले 10 जिले के लिये बनाई गई कार्य-योजना में जिला कलेक्टर और जन-प्रतिनिधियों की भी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने महिला स्व-सहायता समूह के उत्पादन विशेषकर कोदो-कुटकी के उत्पादन की बेहतर पेकेजिंग और ब्रांडिंग करने को कहा जिससे बाजार में उसका अच्छा मूल्य मिल सके।

प्रबंध संचालक कल्पना श्रीवास्तव ने निगम द्वारा वर्ष 2015-16 में होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी। बताया कि इस वर्ष 7500 नये स्व-सहायता समूह गठित किये जायेंगे। महिला स्व-सहायता समूह के बने फेडरेशन के 780 पदाधिकारी को उनके दायित्वों के निर्वहन का प्रशिक्षण दिया जायेगा। महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिये 26 हजार 100 शौर्या दल के सदस्यों को भी प्रशिक्षित किया जायेगा। तेजस्विनी कार्यक्रम में शामिल गाँव की महिलाओं को स्वच्छ पेयजल व्यवस्था के लिये संबंधित विभाग से समन्वय किया जायेगा। 600 क्लस्टर आधारित आजीविका प्रस्ताव को स्वीकृत कर क्रियान्वित एवं स्व-सहायता समूहों के लिये टेली सॉफ्टवेयर स्थापित कर एम.आई.एस. तैयार किया जायेगा।

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