भोपाल, अगस्त 2014/ महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने महिलाओं से आव्हान किया है कि वे मध्यप्रदेश को कुपोषण से मुक्त करवाकर बच्चों को सुपोषित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ। श्रीमती सिंह सुपोषण स्नेह शिविर की पोषण सहयोगिनी के सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोल रही थीं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप महिला-बाल विकास की 100 दिवसीय कार्य-योजना में सुपोषण अभियान को शामिल किया गया था। कम वजन के बच्चों को सुपोषित बनाने के लिये चलाये गये अभियान के सुखद परिणाम प्राप्त हुए हैं। इसके जरिये हम समाज में यह भाव जागृत करने में सफल हुए हैं कि प्रदेश से कुपोषण दूर हो। उन्होंने पोषण सहयोगिनी कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों का ही परिणाम है कि स्नेह शिविर में आने वाले कुपोषित 80 प्रतिशत बच्चों के वजन में इजाफा हुआ है। बच्चों का 200 से 250 ग्राम तक का वजन बढ़ा है। श्रीमती सिंह ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि अगर महिलाएँ संकल्प लें तो कुपोषण को आसानी से समाप्त किया जा सकता है।
आयुक्त एकीकृत बाल विकास श्रीमती नीलम शमी राव ने बताया कि सुपोषण अभियान में अभी तक 5000 पोषण सहयोगिनी बनाई गई हैं। इनके जरिये अति-कुपोषित क्षेत्रों में स्नेह शिविर के माध्यम से बच्चों को सुपोषित बनाया जा रहा है।