ग्वालियर, अप्रैल 2013/ समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले एवं उनकी धर्मपत्नी सावित्रीबाई फुले के नाम से प्रदेश सरकार हर साल दो-दो लाख रूपए का पुरस्कार देगी। शिक्षा एवं समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाजसेवियों को यह पुरस्कार दिए जायेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में यह घोषणा की। वे यहाँ फूलबाग मैदान में महात्मा फुले की 187वीं जयंती पर कुशवाह समाज द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि महात्मा फुले एवं माँ सावित्री बाई फुले के जीवन चरित्र को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा। किस कक्षा के पाठ्यक्रम में यह जीवन चरित्र शामिल हो, इसे पाठ्यक्रम समिति तय करेगी। मुख्यमंत्री ने ग्वालियर में महात्मा फुले की भव्य प्रतिमा लगाने की घोषणा भी की।
श्री चौहान ने कहा कि दुनिया में सबसे पहले महिला सशक्तिकरण का काम महात्मा फुले ने ही शुरू किया था। उन्होंने अपनी धर्मपत्नी सावित्रीबाई फुले को पढ़ाया। माँ सावित्री बाई फुले ने शिक्षित होकर सम्पूर्ण समाज में नारी शिक्षा की अलख जगाई। तत्कालीन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद फुले दम्पत्ति ने विधवा विवाह को बढ़ावा दिया और बाल विवाह पर अंकुश लगाने जैसे समाज सुधार के काम बखूबी से अंजाम दिए। राज्य सरकार महात्मा फुले के सिद्धांतों पर चलकर कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है।
सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि महात्मा फुले की जयंती उनके सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा देगी। कार्यक्रम को गृह राज्य मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, स्वास्थ्य राज्य मंत्री महेन्द्र हार्डिया, सांसद श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने भी संबोधित किया।