भोपाल, जुलाई 2014/ राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से मर्यादा अभियान (निर्मल भारत अभियान) को राज्य में प्रभावी बनाने तथा समुदाय द्वारा कार्यक्रम के रूप में संचालित करने और समुदाय की भागीदारी को बढ़ाने के लिये विशेष रणनीति पर कार्यशाला की गयी।
कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास डॉ. अरुणा शर्मा ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्मल भारत अभियान को जिलों में जनान्दोलन का रूप दें। इसमें समाज के सभी वर्ग को अभियान से जोड़ा जाये। ग्राम-स्तर पर समुदाय में जागृति पर विशेष ध्यान दिया जाये। प्रशिक्षित कारीगरों एवं निर्माण सामग्री की व्यवस्था की जाये तथा सभी गाँव को खुले में शौच से मुक्त करने की पहल की जाये। समुदाय का व्यवहार परिवर्तन करने के लिये समस्त जमीनी कार्यकर्ताओं को समेकित प्रयास कर सामुदायिक गतिशीलता और उद्धवेलन पैदा करना होगा।
सचिव, संजीव कुमार ने बताया कि ग्राम में जागृति के लिये होम विजिट एवं समुदाय प्रेरणा जैसी विधियों का प्रयोग किया जाये। यह कार्यक्रम समुदाय का कार्यक्रम बने। ग्राम-स्तर पर स्वच्छता दूतों एवं अन्य विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं से परिवार-स्तर पर आपसी सम्पर्क करवाया जाये। ग्राम पंचायत को यदि खुले में शौच मुक्त करना है तो जिला एवं ब्लॉक-स्तर पर प्रेरक दलों का गठन करना होगा। साथ ही स्वच्छता के लिये माँग पैदा करने के लिये ग्राम पंचायतों को संस्थागत प्रयास करने होंगे।
राज्य कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती हेमवती वर्मन ने बताया कि सभी 6 जिले से प्रेरकों का चयन कर व्यवहार बदलाव के लिये उन्हें संचार की विधियों पर प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रेरकों का उपयोग कर जिलों में ग्राम-स्तर पर प्रेरणा देने का कार्य करवाया जायेगा।
यूनिसेफ मध्यप्रदेश के प्रमुख ट्रेवर क्लार्क ने बताया कि अस्वच्छता का बच्चों की मृत्यु दर से सीधा संबंध है। फीडबेक फाउण्डेशन के अजय सिन्हा ने स्वच्छता अभियान को समुदाय आधारित बनाने की विधियों पर चर्चा की। उन्होंने जिला-स्तर पर अभियान के लिये समुदाय आधारित व्यवहार परिवर्तन संचार योजना की जानकारी दी। कार्यक्रम प्रबंधक मनीष माथुर ने जल स्वच्छता एवं स्वास्थ्य में परस्पर संबंध पर व्यापक प्रस्तुतिकरण दिया।
कार्यशाला के दूसरे चरण में जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी और जिला समन्वयक के 6 समूह में जिलेवार खुले में शौच से मुक्ति हेतु प्लान भी तैयार किये गये। इस दौरान श्री जोनसन वॉश ऑफीसर यूनिसेफ भी मौजूद रहे। हरदा जिले द्वारा अपने जिले में सफल प्रयास का भी प्रदर्शन किया गया। सागर, रायसेन, बड़वानी, उज्जैन, कटनी, बैतूल एवं हरदा के कलेक्टर, जिला और जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जिला समन्वयकों ने कार्यशाला में भाग लिया।