भोपाल। साँची बौद्ध तथा भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय का भूमि-पूजन समारोह प्रदेश का पहला शासकीय कार्यक्रम है, जिसमें दो राष्ट्राध्यक्ष शामिल हो रहे हैं। इस विश्वविद्यालय की स्थापना की विभिन्न देशों में सराहना की जा रही है। संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने सोमवार को साँची में साँची बौद्ध तथा भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय का भूमि-पूजन समारोह की तैयारियों के निरीक्षण के दौरान यह बात कही। उन्होंने सभी जरूरी कार्य समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। श्री शर्मा ने भूमि-पूजन स्थल, समारोह-स्थल तथा अन्य स्थान का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर आमजन के लिये समारोह-स्थल पर पहुँचने के लिये बनाये जा रहे मार्ग के बारे में पहले से प्रचार-प्रसार किया जाय। इस दौरान सचिव जनसंपर्क श्री राकेश श्रीवास्तव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि 21 सितम्बर को साँची जिला रायसेन में विश्वविद्यालय के भवन का भूमि-पूजन होगा। इस भवन के निर्माण पर लगभग 200 करोड़ का व्यय होगा।
श्रीलंका के राष्ट्रपति और भूटान के प्रधानमंत्री होंगे शामिल
विश्वविद्यालय के भूमि-पूजन कार्यक्रम में श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री महिन्दा राजपक्षे और भूटान के प्रधानमंत्री श्री ल्यों जिग्मंे थिनली और अनेक बौद्ध संत शामिल होंगे। राज्यपाल श्री रामनरेश यादव की स्वीकृति के बाद शासन द्वारा साँची बौद्ध तथा भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय की स्थापना की अधिसूचना जारी कर दी गयी है। विश्वविद्यालय बुद्धिज्म तथा भारतीय ज्ञान के आधारभूत सिद्धांत तथा विचारों एवं विश्व की विभिन्न सभ्यताओं के बीच समन्वय की दिशा में अध्ययन तथा शोध को प्रोत्साहित करेगा। विश्वविद्यालय धम्म के सिद्धांत, बुद्धिज्म शिक्षण, सम-सामयिक दर्शन एवं परम्पराओं में शिक्षा प्रदान करेगा।
22-23 सितम्बर को धम्म-धर्म सम्मेलन
भोपाल में 22-23 सितम्बर तक अन्तर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन होगा। इस सम्मेलन में दुनिया के 22 देश के चिंतक-विचारक शामिल होंगे। नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर द स्टडी और रिलीजन एण्ड सोसायटी, श्रीलंका की महाबोधि सोसायटी एवं मध्यप्रदेश शासन के सहयोग से धम्म-धर्म सम्मेलन करवाया जा रहा है।