भोपाल, नवंबर 2012/ महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत शिकायत निवारण व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाने और समय पर शिकायतों का निपटारा करने के लिये ‘‘मध्यप्रदेश महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (शिकायत प्रतितोषण) नियम 2012 लागू कर दिया गया है। इससे अब निश्चित समयावधि में समस्याओं का निराकरण हो सकेगा। प्रत्येक जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को शिकायत प्रतितोषण अधिकारी बनाया गया है। जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी भी होते हैं।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा के क्रियान्वयन को और अधिक सुदृढ़ बनाया गया है। मनरेगा संबंधी शिकायतें अब शिकायत प्रतितोषण अधिकारी को लिखित अथवा मौखिक रूप से प्रस्तुत की जायेगी। शिकायत प्रतितोषण अधिकारी अपनी अधिकारिता के भीतर प्राप्त शिकायतों का निपटारा करेगा। शिकायत यदि स्वयं कार्यक्रम अधिकारी के विरुद्ध है अथवा शिकायत का विषय किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा निपटाया जाना है तो कार्यक्रम अधिकारी शिकायत को संबंधित प्राधिकारी को सात दिवस के भीतर निपटाने के लिए अग्रेषित करेगा। ऐसी शिकायतें, जो जाँच में निराधार पाई जाती हंै, निपटाने के लिये 15 दिवस की अवधि निर्धारित की गई है। सत्य/आंशिक सत्य पाई गई शिकायतों में दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करने 30 दिन की अवधि निर्धारित की गई है।
यदि कोई शिकायतकर्ता शिकायत प्रतितोषण अधिकारी द्वारा शिकायत निवारण के लिये की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है तो वह उच्च-स्तर पर अपील के लिये स्वतंत्र रहेगा। पारित आदेश के विरुद्ध प्रथम अपील अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को प्रस्तुत करेगा। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा पारित आदेश से भी संतुष्ट न होने पर वह द्वितीय अपील कलेक्टर/जिला कार्यक्रम समन्वयक, मनरेगा के कार्यालय में कर सकेगा। अपील का निपटारा एक माह के भीतर किया जायेगा।
शिकायत पर की गई कार्यवाही के बारे में लिखित में भी सूचित किया जायेगा। यह भी प्रावधान रखा गया है कि मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद या राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत कोई अधिकारी स्व-प्रेरणा से किसी अन्य स्त्रोत से अथवा भारत सरकार के माध्यम से प्राप्त शिकायत के मामले की जाँच कर सकेंगे।
जनपद पंचायत में लगेगी शिकायत पेटी
शिकायतों के प्रस्तुतिकरण को सुविधाजनक और आसान बनाने के उद्देश्य से शिकायत प्रतितोषण अधिकारी के कार्यालय में आसानी से दिखलाई देने वाले स्थान पर शिकायत पेटी भी लगवायी जायेगी।
मॉनीटरिंग एवं दण्डात्मक कार्रवाई
शिकायतों के निपटारे की मॉनीटरिंग प्रत्येक मास नियमित रूप से अगले उच्च-स्तर पर की जायेगी। बनाये गये नियमों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम की धारा 25 के अधीन संबंधित अपचारी व्यक्ति को दोष सिद्ध कर दण्डित किये जाने तथा प्रकरण की आवश्यकतानुसार अनुशासनात्मक/दण्डात्मक कार्यवाही करने के भी प्रावधान हैं।