भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिये मध्यप्रदेश शासन द्वारा लागू किये गये मध्यप्रदेश विशेष न्यायालय अधिनियम 2011 के तहत आज न्यायालय द्वारा भ्रष्ट लोकसेवक की लगभग सात करोड़ रूपये की सम्पत्ति राजसात करने का आदेश दिया गया। यह फैसला इंदौर में पदस्थ विशेष सत्र न्यायाधीश श्री अवनीन्द्र सिंह के न्यायालय में हुआ। इस अधिनियम के तहत सम्पत्ति राजसात करने का यह पहला निर्णय है।

इस प्रकरण में ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा पिछले वर्ष 18 दिसम्बर को आर.टी.ओ. क्लर्क रमन धूलधुये के पास अनुपातहीन सम्पत्ति की सूचना पर छापे की कार्रवाई की गयी थी। इसमें धूलधुये के कब्जे से इंदौर जिले में फार्म हाउस, साढ़े पाँच हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि, अलग-अलग स्थानों में आलीशान मकान, प्लॉट, अनेक चार पहिया तथा दो पहिया वाहन, लगभग पौन किलो सोना और सवा चार किलो से अधिक चांदी के आभूषण आदि बरामद हुए थे। उस समय इस सम्पत्ति की कीमत एक करोड़ 18 लाख रूपये आँकी गयी थी। आज की स्थिति में यह सम्पत्ति लगभग सात करोड़ रूपये की है।

जाँच में अनुपातहीन सम्पत्ति पाये जाने पर ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा यह प्रकरण भ्रष्ट लोकसेवक की समस्त संपत्ति राजसात करने के लिये 17 अप्रैल 2012 को प्रदेश शासन द्वारा गठित विशेष न्यायालय में दायर किया गया था। प्रकरण में ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा दिये गये दस्तावेजों से संतुष्ट होकर आज निर्णय देते हुए न्यायालय ने जप्त सम्पत्ति राजसात करने के साथ ही कलेक्टर इंदौर को उक्त सम्पत्ति शासन के निर्देशानुसार लोकहित में उपयोग करने के आदेश दिये हैं। प्रकरण दर्ज होने के बाद सात माह की अवधि में यह फैसला सुनाया गया।

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