भोपाल, जुलाई 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि प्रदेश में मध्यप्रदेश मंदिर प्रबंध संस्थान तथा पुजारी कल्याण कोष स्थापित किया जायेगा। विदिशा का बाढ़ वाले श्री गणेश जी का मंदिर मानव सेवा केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा।

श्री चौहान विदिशा में वेदोक्त, शास्त्रोक्त तथा धार्मिक विधि-विधान से बेतवा नदी के तट पर बाढ़ वाले श्री गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठा कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि मध्यप्रदेश मंदिर प्रबंध संस्थान प्रदेश के मठ-मंदिरों की बेहतर व्यवस्था करने के उद्देश्य से स्थापित किया जायेगा। इस संस्थान की स्थापना इसी वर्ष प्रदेश की राजधानी भोपाल में की जायेगी। संस्थान का संचालन धर्म के प्रतिष्ठित आचार्य और विद्वजनों के नेतृत्व में गठित संचालक मण्डल द्वारा किया जायेगा। संस्थान का उद्देश्य सनातन मर्यादा, आस्था और परम्परा के अनुरूप मठ-मंदिरों का प्रबंध सुनिश्चित करना है। संस्थान द्वारा पुजारियों का प्रशिक्षण सत्र किया जायेगा। यह संस्थान मंदिरों की समस्याओं के संबंध में समय-समय पर शोध कर राज्‍य शासन का ध्यान आकर्षित करेगा। मंदिरों के प्रबंध में मंदिरों से जुड़ी विभिन्न धार्मिक गतिविधि जैसे वेद विद्यालय, आगम शालाएँ, संस्कृत पाठन, मंदिर सरोवर, उद्यानों का जीर्णोद्धार, मंदिर धर्म ग्रंथालय का विकास, मंदिर वास्तु शास्त्र आदि के लिये संस्था का निर्माण कार्य संस्थान द्वारा किया जायेगा। संस्थान धर्म शिक्षा की विभिन्न शाखाओं के लिये पाठ्यक्रम भी संचालित करेगा। मंदिर में पूजा-अर्चना एवं दर्शन की शास्त्रीय प्रथाओं के लिये समय-समय पर मार्गदर्शन जारी करेगा। मंदिरों के चल-अचल सम्पत्ति के संरक्षण और वर्षभर के सांस्कृतिक पंचांग के अनुसार पूरे प्रदेश में कार्यक्रमों की सलाह भी यह संस्थान देगा। श्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन द्वारा मंदिर प्रबंध संस्थान के सुझावों पर अमल किया जायेगा।

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि पुजारियों को मिलने वाली राशि को गत वर्ष ही दोगुना किया गया है। इसके बावजूद पुजारियों के जीवन-यापन के संबंध में आ रही समस्या को देखते हुए पुजारी कल्याण कोष की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इस कोष को राज्य शासन द्वारा हर साल दो करोड़ रुपये दिये जायेंगे। यह कोष आकस्मिक परिस्थिति में पुजारियों की मदद करेगा। धर्मस्व विभाग के अंतर्गत गठित किये जाने वाले इस कोष में विभिन्न स्त्रोतों से भी दान प्राप्त किया जा सकेगा। कोष का प्रबंधन और संचालन मध्यप्रदेश मंदिर प्रबंध संस्थान द्वारा किया जायेगा।

श्री चौहान ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ धार्मिक विधि-विधान से बाढ़ वाले श्री गणेश जी के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की। भगवान श्री गणेश की नवनिर्मित भव्‍य मूर्ति मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा अभी हाल ही में राजस्थान के मकराना से लाई गई है। मंदिर परिसर में भगवान श्री शिव, माँ भगवती पार्वती, नंदी, श्री गणेश, कार्तिकेय की शिव पंचायत भी स्थापित की गई है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में लड्डू, मोदक, केला, नारियल, आदि अष्ट द्रव्यों से विद्वत, विप्रजनों द्वारा यज्ञ में ग्यारह हजार आहुति करवाई गई। प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मंदिर मानव सेवा केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा। मानव की सेवा ही माधव की सेवा है। उन्होंने इस अवसर पर मध्यप्रदेश तथा देश में सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। प्राण प्रतिष्ठा आचार्य पंडित राम शास्त्री, श्री लोकरे एवं धर्माचार्य पंडित विष्णु प्रसाद शास्त्री द्वारा सम्पन्न कराई गई। राजस्व मंत्री रामपाल सिंह सहित जन-प्रतिनिधि तथा श्रद्धालु इस अवसर पर मौजूद थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here