भोपाल, अक्टूबर  2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हाल ही में सम्पन्न ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से मध्यप्रदेश में निवेश का वातावरण बना है। दुनियाभर से निवेशक मध्यप्रदेश आना चाहते हैं। प्रधानमंत्री जी ने भी मध्यप्रदेश की सराहना की है। मध्यप्रदेश की ब्रांडिंग निवेश के आईडियल डेस्टिनेशन के रूप में हुई है। यह एक स्वर्णिम अवसर है। सक्रिय रहकर इसका लाभ उठाकर मध्यप्रदेश को बदलना है। अब मध्यप्रदेश को खेती के साथ उद्योग में भी अग्रणी बनाना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान यहाँ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के फाओअप संबंधी बैठक ले रहे थे।

बताया गया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्रदेश में 6 लाख 89 हजार करोड़ रूपये के 3,177 निवेश प्रस्ताव मिले हैं। बैठक में मंत्रीमंडल के सदस्य और विभिन्न विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में श्री चौहान ने कहा कि मैं खुली आँख से सपने देखता हूँ। उत्साह को ठंडा नहीं होने दें। चार साल में मध्यप्रदेश को पूर्ण विकसित राज्य के रूप में बदलना है। सरकार के इस दृष्टिकोण में किसी भी जन-प्रतिनिधि अथवा अधिकारी का अहंकार आड़े नहीं आये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश लाना राज्य की निर्वाचित सरकार का फैसला है। सभी मंत्री और अधिकारी प्रो-एक्टिव दृष्टिकोण से हरसंभव प्रयास करें। राज्य के हित में साहसिक निर्णय लें और समय-सीमा का सख्ती से पालन करें। हर विभाग अपने से संबंधित निवेशकों की जानकारी रखें और निवेशकों से सम्पर्क करें। सिंगल डोर पॉलिसी को क्रियान्वित करें। नये निवेशकों से भी सम्पर्क करें। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर ध्यान दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वंय हर सोमवार को निवेशकों को समय निर्धारित कर मिलेंगे। मध्यप्रदेश को निवेश के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिये बड़े, मध्यम और लघु सभी तरह के उद्योगों को महत्व दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रदेश के प्रतिभावान युवाओं का ग्लोबल टेलेंट पूल तैयार करने की कार्रवाई शुरू की जाये। जैविक खेती और जैविक उत्पाद को प्रोत्साहित किया जायेगा। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में हर जिले में दस-दस युवा उद्यमी को तैयार करें। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिये की गई घोषणाओं के संबंध में समय-सीमा में आदेश जारी किये जायें। सभी विभाग नयी कार्य-संस्कृति विकसित करें। समय-सीमा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि आगामी एक से सात नवम्बर तक मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर हर विभाग एक रचनात्मक कार्यक्रम करने की रूपरेखा बनाये। मुख्य सचिव इन कार्यक्रमों का समन्वय करेंगे।

बैठक में मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की उपलब्धियों और आगामी कार्रवाई के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 200 शीर्ष उद्योगपति सहित 5,500 उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसके अलावा 107 उद्योग संगठन और सार्वजनिक उपक्रम के प्रतिनिधियों तथा 2100 लघु एवं मध्यम उद्यमी भी शामिल हुए। समिट में पाँच महाद्वीप के 32 देश शामिल हुए जिनमें 9 पार्टनर कंट्री थे। इसमें 28 राजदूत और हाई कमिश्नर्स ने भाग लिया। समिट के दौरान निवेश से संबंधित विभिन्न विषयों पर 38 सत्र आयोजित किये गये। समिट के दौरान वेबसाइट के माध्यम से 4 लाख 37 हजार करोड़ के 3,164 प्रस्ताव तथा समिट के दौरान 13 घोषणा से 2 लाख 52 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव, इस तरह कुल 6 लाख 89 हजार करोड़ रूपये के 3,177 निवेश प्रस्ताव मिले। ये प्रस्ताव 21 विभाग से संबंधित हैं।

मुख्य सचिव ने बताया कि हर निवेशक को एक यूनिक आईडिंटीफिकेशन कोड नंबर आगामी 31 अक्टूबर से पहले दिया जायेगा। संबंधित विभाग का नोडल अधिकारी उनसे सम्पर्क करेगा तथा उनके प्रस्ताव की डीपीआर आगामी नवम्बर-दिसम्बर माह में तैयार करवायेगा। डीपीआर के बाद कम्बाइंड एप्लीकेशन फार्म ट्राइफेक में प्रस्तुत किया जायेगा। ट्राइफेक द्वारा निवेश प्रस्तावों की ऑनलाईन मानिटरिंग और ट्रेकिंग की प्रणाली तैयार की गई है। इन निवेश प्रस्ताव में से 99 प्रस्ताव 500 करोड़ रूपये से अधिक निवेश के हैं। इन प्रस्तावों की अलग-अलग मानीटरिंग के लिये एक-एक विशेष अधिकारी अलग से नियुक्त किया जायेगा। निवेश प्रस्तावों की साप्ताहिक और मासिक समीक्षा की जायेगी। मुख्य सचिव प्रत्येक गुरूवार को समीक्षा करेंगे। मंत्रि-परिषद के समक्ष भी मासिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जायेगा।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट विश्लेषण

एम.एस.एम.ई. तथा जी.आई.एस में 7600 डेलीगेट्स आये।

विश्व के 28 सहभागी तथा 9 पार्टनर देश शामिल हुए।

इतिहास में पहली बार दिल्ली से बाहर 28 राजदूत तथा उच्चायुक्त एक साथ एकत्रित हुए।

नौ कन्ट्री सेशन सहित 38 सत्र हुए।

समिट में 6.89 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव (इन्टेशन टू इनवेस्ट) प्राप्त।

मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव हर सप्ताह प्रगति की समीक्षा करेंगे।

सिंगल विंडो का वास्तविक लाभ दिलाने निवेशकों से ऑनलाइन कम्बाइंड एप्लीकेशन लिये जायेंगे।

निवेशकों को यूनिक आई डी कोड दिया जायेगा।

प्रत्येक निवेश प्रस्ताव की डीपीआर बनेगी।

10 करोड़ से कम निवेश की मानीटरिंग जिला स्तर पर, 10 से 100 करोड़ तक की औद्योगिक केन्द्र विकास निगम स्तर पर, 100 करोड़ से अधिक निवेश की मानीटरिंग राज्य स्तर पर ट्रायफेक के माध्यम से।

निवेश को अमली जामा पहनाने समयबद्ध चरण निर्धारित।

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