भोपाल, दिसम्बर 2015/ कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री कुसुम महदेले ने कहा है कि मध्यप्रदेश के शेष तीन चौथाई हिस्से में उद्यानिकी और ग्रामोद्योग गतिविधियाँ बड़े पैमाने पर संचालित की जाना चाहिये। सुश्री महदेले कुटीर एवं ग्रामोद्योग, उद्यानिकी, खाद्य प्र-संस्करण विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक को संबोधित कर रही थीं। बैठक में समिति के सदस्य विधायक सर्वश्री अनिल फिरोजिया और विजय सिंह सोलंकी तथा प्रमुख सचिव मत्स्य विकास श्री अरुण कुमार तिवारी मौजूद थे।

मंत्री सुश्री कुसुम महदेले ने कहा कि विभागीय योजनाएँ राज्य के सभी क्षेत्र को ध्यान में रखकर न सिर्फ बनें, बल्कि संचालित भी हों। उन्होंने महाकौशल, विंध्य और बुंदेलखण्ड क्षेत्र में भी योजनाओं तथा गतिविधियों को विस्तारित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि रीवा, पन्ना, छतरपुर में पान की खेती को बढ़ावा देने के लिये पॉली हाउस की योजना का संचालन हो। प्रदेश के धार्मिक स्थलों के समीप फूल की खेती को प्रोत्साहित किया जाये।

सुश्री महदेले ने कहा कि ग्रामोद्योग की गतिविधियों से लाख की चूड़ियों के निर्माण को भी जोड़ा जाये। मध्यप्रदेश में संतरा बहुतायत में हो रहा है, इसकी जानकारी लोगों को मिलनी चाहिये। जलवायु के अनुकूल पान की खेती को भी प्रोत्साहित किया जाये। इसके लिये विभागीय अधिकारी सभी क्षेत्र का दौरा कर किसानों को प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि जब तक उद्यानिकी और ग्रामोद्योग गतिविधियों को बढ़ावा नहीं मिलेगा, तब तक प्रदेश पूरी तरह समृद्ध नहीं होगा। सुश्री महदेले ने कहा कि कंबल बनाने वाली इकाइयाँ अनवरत चालू रहें। उन्होंने युवा उद्यमियों को खाद्य प्र-संस्करण गतिविधियों से जोड़ने को भी कहा। सुश्री महदेले ने कहा कि ग्रामोद्योग योजनाओं का सीधा लाभ हितग्राहियों को मिल रहा है।

प्रारंभ में प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल ने उद्यानिकी, एग्रो के प्रबंध संचालक श्री एस.के. मिश्रा ने फूड पार्क और रेशम आयुक्त श्री सत्यानंद ने रेशम गतिविधियों की जानकारी दी। हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम की प्रबंध संचालक श्रीमती जी.बी. रश्मि ने निगम की योजनाओं से अवगत करवाया। बैठक में विधायकों ने भी अपने सुझाव दिये।

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