भोपाल, नवम्बर 2014/ ई-शासन और जनहित में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में अग्रणी रहने वाले मध्यप्रदेश में अब 99 प्रतिशत शासकीय भुगतान इलेक्ट्रॉनिक होने लगे हैं। ई-भुगतान के साथ-साथ ई-ट्रांजेक्शन के मामले में मध्यप्रदेश में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। भारत सरकार द्वारा देश में ई-ट्रांजेक्शन का आकलन करने के लिये शुरू किये गये ई-टाल (इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन एग्रीगेशन एण्ड एनेलाइजर लेयर) ने मध्यप्रदेश को गुजरात के बाद दूसरे नम्बर पर रखा है।
प्रदेश में ट्रेजरी सिस्टम के माध्यम से वर्ष 2009 में शुरू की गई इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन व्यवस्था में अब तक 5 करोड़ 90 लाख ई-ट्रांजेक्शन हो चुके हैं। मध्यप्रदेश के लगभग 5 लाख कर्मचारी का डाटा-बेस संधारित किया जा रहा है। शासकीय सेवकों को सारे भुगतान ई-पेमेंट के माध्यम से हो रहे हैं। साथ ही लगभग 75 लाख ठेकेदार, सप्लायर तथा गैर-सरकारी व्यक्तियों को इलेक्ट्रॉनिक भुगतान किया जा रहा है। अभी तक 13 लाख 75 हजार 594 चेक का इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भुगतान हुआ है, जो कुल भुगतान का 99 प्रतिशत है। इनके माध्यम से 40 हजार करोड़ से अधिक का भुगतान हुआ है।
शासकीय कोषालयों से जुड़े चारों बेंक यथा- भारतीय स्टेट बेंक, यूनियन बेंक, सेंट्रल बेंक और इलाहाबाद बेंक ई-भुगतान कर रहे हैं। प्रदेश के सभी कोषालय और उप कोषालय द्वारा भी ई-भुगतान किया जा रहा है। ई-भुगतान के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिये मध्यप्रदेश को स्कॉच अवार्ड भी मिल चुका है।
ई-भुगतान सुविधा होने से अनेक तरह की दिक्कत खत्म हुई हैं और काम आसान हो गया है। पहले आहरण और संवितरण अधिकारी ट्रेजरी से चेक प्राप्त कर सूची सहित बेंक को भेजते थे, जिसके आधार पर भुगतान होता था। इसमें लिपिकीय त्रुटियों के कारण अनेक परेशानियाँ और अनावश्यक देरी भी होती थी। अब संबंधित खाते में ई-भुगतान हो जाता है और उसे एसएमएस से इसकी सूचना भी दी जाती है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में साइबर ट्रेजरी की लोकप्रियता भी तेजी से बढ़ी है। साल 2007 में जब यह सुविधा शुरू की गई थी, तब इसमें लोगों की रुचि कम थी। उस वर्ष महज 24 हजार 477 ट्रांजेक्शन्स के जरिये केवल 16 करोड़ की रकम साइबर ट्रेजरी के जरिये जमा हुई थी। इसकी तुलना में साल 2013-14 में 25 लाख 77 हजार 903 ट्रांजेक्शन के जरिये 14 हजार 233 करोड़ की रकम जमा हुई है।
शासकीय कर अथवा शुल्क ऑनलाइन जमा करनेवालों के लिये अब साइबर ट्रेजरी की चालान संख्या तत्काल उपलब्ध होने लगी है। अब जमा रकम की पुष्टि के लिये दो दिन का इंतजार नहीं करना पड़ता। इस सुविधा से जमा करने वाला व्यक्ति जमा की गई राशि की कोषालयीन चालान संख्या सहित चालान घर बैठे प्रिंट कर लेता है। प्रिंट-आउट संबंधित विभागीय अधिकारी को चालान के रूप में तत्काल पेश हो जाते हैं। साथ ही जमाकर्ता को निर्धारित सेवा भी तत्काल मिलती है। इस सुविधा की सबसे बड़ी खूबी यह है कि साइबर ट्रेजरी से कॉमन ई-चालान को जोड़ा गया है। इससे सभी विभाग की राशि ऑनलाइन/रियल टाइम जमा की जा सकती है। इस सुविधा के शुरू होने से एम.पी. ऑनलाइन के कियास्क जैसे नागरिक सुविधा केन्द्र को साइबर ट्रेजरी से जोड़ा जा सकेगा। इससे जमाकर्ता कियोस्क पर जाकर शासन को देय राशि जमा करते हैं।