भोपाल, जुलाई, 2014/ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से यहाँ जापान के राजदूत टाकेशी यागी के नेतृत्व में जापान के व्यापारिक प्रतिनिधि-मंडल ने भेंट की। प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश में निवेश की अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए जापानी कंपनियों की उपस्थिति बढ़ाने के संबंध में चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश को प्राथमिकता देने के लिये जापानी राजदूत और प्रतिनिधि-मंडल का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा एवं संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव उपस्थित थे।
श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश ने पिछले एक दशक में सबसे तेज गति से विकास के विभिन्न क्षेत्र में प्रगति की है। आज जो सकारात्मक परिदृश्य बना है वह पिछले दशक की कड़ी मेहनत का परिणाम है। मध्यप्रदेश एक दशक पहले देश और विदेश में अनजान राज्य था और आज एक प्रमुख निवेश मित्र राज्य के रूप में अपनी विशेष पहचान रखता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल व्यापारिक संबंधों तक सीमित न रहते हुए खेल और संस्कृति के क्षेत्र में भी संबंधों को मजबूत बनाने की पहल होना चाहिये। साँची में अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। यहाँ गोल्फ जैसी सुविधाएँ भी विकसित की जायेंगी। मध्यप्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिये 8 एवं 9 अक्टूबर को इंदौर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भागीदारी करने का निमंत्रण देते हुए श्री चौहान ने आग्रह किया कि जापान एक प्रतिभागी देश के रूप में नहीं बल्कि सहयोगी देश के रूप में इस समिट में भाग लें।
श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में विकास के लिये जरूरी अधोसंरचनात्मक ढाँचे को मजबूत करने में जापान तकनीकी और वित्तीय सहयोग दे सकता है। उन्होंने प्रदेश की पाँच परियोजना के लिये जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कॉरपोरेशन -जेबीआईसी- से सहयोग का आग्रह किया। इन परियोजनाओं में जिला स्तरीय सड़कों का निर्माण, विद्युत ट्रांसमिशन में सुधार, ग्रामीण क्षेत्रों में नल-जल योजनाओं के विस्तार, नहरों का सुधार और भोपाल शहर में दस जल स्रोतों के संरक्षण की परियोजनाएँ शामिल हैं।
जापानी राजदूत ने परियोजनाओं का परीक्षण करने का आश्वासन दिया। कहा कि मध्यप्रदेश में वाणिज्य एवं व्यापार बढ़ाने और निवेश की अच्छी संभावनाएँ हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जापान के वाणिज्यिक और औदयोगिक प्रभावी भागीदारी करेंगे।