भोपाल, जून 2015/ पूर्वी एशियाई देशों में मध्यप्रदेश इन्वेस्टमेंट प्रमोशन डेस्क स्थापित करेगा। केन्द्र के सहयोग से प्रदेश में ड्राय पोर्ट स्थापित किया जायेगा। साथ ही देश के समुद्री पोर्ट में मध्यप्रदेश के लिये विशेष सुविधा स्थापित की जायेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहाँ निवेश संवर्धन समिति की बैठक में निर्देश दिये। बैठक में वाणिज्य-उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, खनिज एवं जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल और परिवहन एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री भूपेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पूर्व एशियाई देशों से निवेश को प्रोत्साहन देने विस्तृत योजना बनायी जाये। प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में किये गये कार्यों और निवेश की सिंगल डोर पॉलिसी के बारे में इन देशों के औद्योगिक संगठनों को अवगत करवाये। बैठक में पूर्व एशियाई देशों द्वारा प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर मुख्यमंत्री के सचिव हरिरंजन राव ने प्रस्तुतिकरण दिया। बताया गया कि ताईवान सहित अन्य पूर्व एशियाई देश भारत में निवेश की संभावनाएँ तलाश रहे हैं। इन देशों को भारत की इलेक्ट्रॉनिक नीति आकर्षित कर रही है। बताया गया कि इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद निर्माण के लिये ग्वालियर में देश का पहला पी.सी.बी. क्लस्टर बनाया जायेगा। इसके लिये प्रदेश में प्रिफेन्सियल मार्केट एक्सेस नीति लागू करने का सुझाव दिया गया। साथ ही प्रदेश में चीनी भाषा सीखने की व्यवस्था, प्रदेश की औद्योगिक नीतियों की जानकारी चीनी भाषा में उपलब्ध करवाने तथा ओरिएन्टल कल्चर सेंटर स्थापित करने का सुझाव दिया गया।
बैठक में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों के लिये मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना की प्रक्रिया और नीति का अनुमोदन किया गया। इस योजना में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों को पूंजी अनुदान, ब्याज अनुदान, अधोसंरचना व्यय की पूर्ति, विभिन्न करों और शुल्क से छूट की सुविधा दी जायेगी। बैठक में मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक, भूमि एवं प्रबन्धन नियम 2015 के तहत औद्योगिक प्रयोजन की भूमि आवंटन की प्रब्याजि की गणना भूमि के मूल्य पर दी गई छूट को प्रभावी करने के बाद करने पर विचार किया गया।